और अब एक और नया प्रयोग
होने जा रहा है। पेट्रोलियम कंपनियों ने फैसला किया है कि एक मई से पेट्रोल और डीजल
के दाम में रोजाना बदलाव किया जाएगा। हमें तो यह फैसला रास नहीं आया और काफी उलझाने
वाला लगता है। जमशेदपुर, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम, उदयपुर व पुडुचेरी में सार्वजनिक क्षेत्र
की पेट्रोल कंपनियां अब पेट्रोल और डीजल की कीमत हर रोज निर्धारित करेंगी यानि हर रोज
बाजार भाव से आपको पेट्रोल की अलग कीमत चुकानी पड़ेगी। अभी तक ये पेट्रोल कंपनियां
कीमत निर्धारित करने का काम महीने में दो बार यानि पहली तारीख और 16 तारीख को करती हैं। यह एक पायलट परियोजना है जो देश के अलग-अलग पांच कोनों में इसलिए शुरू की गई है कि उसके असर और उसे लागू करने की कठिनाइयों
को अच्छी तरह समझा जा सके। चुनावों के दौरान तेल कंपनियों को दाम बढ़ाने की इजाजत नहीं
होती और जब कच्चे तेल के दाम नरम होते हैं तो ऊंचे दामों के जरिये कंपनियों के घाटे
की भरपायी की जाती है। हां नई नीति अगर सफल होती है तो राजनीतिक दखल की संभावना न के
बराबर रहेगी। पेट्रोल और डीजल के दामों के उतार-चढ़ाव का असर
आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थों, अनाज, फल और सब्जियों पर भी पड़ेगा। इससे वस्तुओं के दामों में रोजाना बदलाव देखने
को मिल सकता है। नई नीति से तेल कंपनियों को अपने लेखा में रोजाना खरीद और बिक्री के
हिसाब से लाभ और घाटे का आंकड़ा रखना पड़ेगा। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि भविष्य
में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी कंपनियों का विलय कर एक बड़ी कंपनी के रूप में पुनर्गठन
किया जाएगा। इससे दामों में दैनिक आधार पर बदलाव और आसान हो जाएगा। अगर अंतर्राष्ट्रीय
बाजार में तेल की कीमतें घटती हैं तो ग्राहकों को इसका फायदे लेने के लिए
15 दिन इंतजार नहीं करना होगा। कीमतों में गिरावट या उछाल होने से तेल
कंपनियों को फर्क न पड़े इसके लिए फिलहाल वे हेजिंग करती हैं। हेजिंग में कच्चे तेल
की खरीददारी करते वक्त भुगतान के लिए कंपनियां भविष्य की कीमतें तय कर लेती हैं जिससे
उन्हें नुकसान न हो। यदि भुगतान के वक्त कीमतें गिर भी जाएं तो भी उन्हें उस पूर्व
निर्धारित कीमत से तेल निर्यातकों को भुगतान करना होता है। रोजाना के आधार पर कीमतें
तय करने से कंपनियों को हेजिंग नहीं करनी पड़ेगी। इससे क्रूड कीमतों व डॉलर मूल्यों
में उतार-चढ़ाव से उन्हें नुकसान नहीं होगा। प्रतिदिन के आधार
पर कीमतें तय करने से वह अपने मुनाफे का सटीक अंदाजा लगा पाएंगी। जैसा मैंने कहा कि
यह देखना होगा कि यह प्रयोग कितना सफल होता है?
-अनिल नरेन्द्र
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