Tuesday, 18 April 2017

लात-घूंसे बरसते रहे, नहीं छोड़ा संयम का दामन

कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ जवानों के साथ दुर्व्यवहार और हिंसा के तीन वीडियो के वायरल होने के बाद देशभर में आम लोगों में गुस्से की लहर उठना स्वाभाविक ही है। पहले वीडियो में एक कश्मीरी युवक जवान के सिर पर तेज प्रहार करते हुए दिखाया गया है तो दूसरे में एक युवक जवान द्वारा हाथ में पकड़े हेलमेट को पैर से मारते दिखाया गया। तीसरे वीडियो में कुछ युवकों द्वारा जवानों को अपशब्द कहते, उनका मजाक उड़ाते और उन्हें लात-घूंसों से मारते हुए नजर आ रहे हैं। तीनों वीडियो में हमलावर भारत वापस जाओ के नारे लगाकर बदसलूकी कर रहे हैं पर जवान बावजूद इसके कि उनके हाथों में राइफलें हैं कोई भी प्रतिक्रिया दिए बगैर चुपचाप जाते दिख रहे हैं। इन वीडियो ने एक ओर जहां यह दिखाया कि गुमराह कश्मीरी युवक किस हद तक दुस्साहसी हो चुके हैं, वहीं यह भी रेखांकित किया कि हमारे जवान अपमान का घूंट पीते हुए किन विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। विडंबना यह है कि इस सबके बावजूद अदालतों से लेकर राजनीतिक दल तक उन्हें ही संयम की सीख देने से बाज नहीं आते। बाकी बातें तो छोड़ भी दें तो आत्मरक्षा का अधिकार तो सबको है। अदालत भी इस सिद्धांत को मानती है। अगर आप पर हमला हो तो आप जवाबी हमला कर सकते हैं। पर हमारे बेचारे जवानों से तो यह भी अधिकार छीन लिया गया है। समझ नहीं आता कि आखिर सरकार की नीति क्या है? क्या इस तरह हमारे बहादुर जवान बेइज्जत होते रहेंगे, पिटते रहेंगे? यह संतोष की बात है कि खेल जगत से जुड़े बड़े नाम अब खुलकर जवानों की सुरक्षा पर सवाल उठाने लगे हैं। भारतीय क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर ने कश्मीर घाटी में उपचुनाव के दौरान सीआरपीएफ के जवानों पर हमले पर नाराजगी जाहिर की है। गंभीर ने गुरुवार को ट्वीट किया, हमारी सेना के जवान को लगे हर तमाचे के बदले कम से कम 100 जेहादियों की जानें जानी चाहिए। जिसे आजादी चाहिए वहां से फौरन चला जाए। सहवाग ने लिखाöयह अस्वीकार्य है। हमारे सीआरपीएफ जवानों के साथ ऐसा सलूक नहीं किया जाना चाहिए। इस पर रोक लगनी चाहिए। बदतमीजी की हद है। ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने सेना की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए ट्वीट कियाöबाढ़ से बचाओ, फिर पत्थर खाओ जब कुछ लोगों को परेशानी नहीं है, अब सेना ने  मारा नहीं बस हाथ-पैर बांध दिए तो चिंतजानक स्थिति हो गई। जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों के साथ कश्मीरी युवकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में बॉलीवुड भी खड़ा हो गया है। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर, फरहान अख्तर, कमल हसन, रणदीप हुड्डा ने सीआरपीएफ जवानों का समर्थन करते हुए उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की कड़ी निन्दा की है। फरहान अख्तर ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया हैöफुटेज में दिख रहा है कि हमारे जवानों को थप्पड़ मारे जा रहे हैं और पीटा जा रहा है यह दुखद है... उनका संयम सराहनीय है, लेकिन ऐसा करने वालों के खिलाफ तुरन्त कार्रवाई होनी चाहिए। दक्षिण भारतीय सुपर स्टार कमल हसन ने लिखा है कि भारत को एकीकृत करें, हमारे सैनिकों से दुर्व्यवहार करने वालों को शर्म आनी चाहिए। अनुपम खेर ने वीडियो पोस्ट पर लिखा हैöएक शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में मैं सैनिकों के संयम की सराहना करता हूं, लेकिन फिर भी कहता हूं कि हमारे सैनिकों से पंगा न लें। निस्संदेह हमारे सैनिकों को विषम परिस्थितियों का सामना करना आना चाहिए, लेकिन संयम की भी एक सीमा होती है। यदि कश्मीर घाटी में तैनात जवानों को हर हाल में धैर्य धारण करने का उपदेश दिया जाता रहा है और इसकी अनदेखी की जाती रही है कि भारत विरोधी तत्वों का दुस्साहस किस तरह अपनी हदें पार कर गया है तो फिर सेना और सुरक्षा बलों का इकबाल खत्म होने में देर नहीं लगेगी। अच्छा होगा कि कश्मीर में गंभीर होते हालात को लेकर सच का सामना किया जाए और वह भी पूरी दृढ़ता के साथ।

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