Tuesday, 11 April 2017

...और अब स्टॉकहोम में आतंकी हमला

पश्चिमी यूरोप में 2012 से 2017 के बीच आतंकी हमलों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पांच साल में पश्चिमी यूरोपीय देशों में 14 आतंकी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में 307 नागरिकों की जान जा चुकी है। सबसे बड़े हमले फ्रांस में हुए हैं। 2015 में हुए आतंकी हमले में फ्रांस में 130 और 2016 में हुए हमले में 86 नागरिक मारे जा चुके हैं। बेल्जियम में हुए एक हमले में 2016 में 31 लोगों की जान गई थी। ताजा हमला स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ है। स्टॉकहोम में एक व्यक्ति ने भीड़भाड़ वाले इलाके में लोगों पर ट्रक चढ़ा दिया जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। घटना में इस्तेमाल ट्रक का उस समय अपहरण कर लिया गया जब वह एक रेस्तरां में बीयर पहुंचाने जा रहा था। घटना को अंजाम देने वाले ट्रक हमलावर की तलाश में व्यापक अभियान शुरू किया गया है और कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। स्वीडन की पुलिस ने उस ट्रक से एक उपकरण बरामद किया है जिसे एक व्यक्ति ने स्टॉकहोम में भीड़ में चढ़ा दिया था। इस घटना में चार लोगों की मरने की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारियों ने बतायाöकथित संदिग्ध चालक नागरिक 39 वर्षीय उज्बेक नागरिक है जो अब पुलिस हिरासत में है। पुलिस प्रमुख ने बतायाöहमें वाहन में एक उपकरण मिला है जिसका संबंध उससे नहीं है। अभी हम यह नहीं कह सकते कि यह बम है या कोई और उपकरण है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है जिसका हुलिया संदिग्ध हमलावर के गहरे रंग की टोपी और गहरे रंग की जैकेट पहने हुए जारी की गई तस्वीर के विवरण से मिलती है। अफ्टोब्लेडेट समाचार पत्र के अनुसार तस्वीर वाला व्यक्ति उज्बेकिस्तान मूल का 39 वर्षीय व्यक्ति है और आईएस का समर्थक है। अगर इसकी आतंकी हमले के रूप में पुष्टि हुई तो स्वीडन का यह पहला घातक हमला होगा। उधर सीरिया और इराक में लगातार मिल रही पराजय की बौखलाहट में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने 8786 लोगों को कत्ल का फरमान जारी किया है। सूची में ज्यादातर लोग अमेरिका और ब्रिटेन से हैं। यह दुनिया की सबसे लंबी किल लिस्ट मानी जा रही है। बेशक सीरिया और इराक में आईएस कमजोर हो रहा हो पर शेष दुनिया में उसके सैल धमाके लगातार कर रहे हैं। अधिकतर केसों में यह स्थानीय समर्थक हैं और वह यह आतंकी हमले कर रहे हैं। पश्चिमी यूरोप और अमेरिका इनके निशाने पर आ चुके हैं। यूरोप के कुछ देशों में नरम नीतियों और मानवाधिकार की दुहाई देने वालों पर आईएस की गाज गिर रही है। कभी फ्रांस, कभी बेल्जियम, कभी जर्मनी और अब स्वीडन सभी आईएस के निशाने पर हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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