अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के साथ ही एक बड़ी औपचारिकता
पूरी हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रस्ट को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले
से विवादमुक्त हुई जमीन के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा 1993 में अधिग्रहित की गई 67.7 एकड़ जमीन
भी सौंपने की घोषणा कर दी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राम मंदिर ट्रस्ट बनाने की
मंजूरी दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने लोकसभा में ट्रस्ट बनाने की जानकारी दी। ट्रस्ट
का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र रखा गया है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण
के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा के साथ ही सबका ध्यान इस बात की ओर चला गया कि निर्माण
कार्य कब से आरंभ होगा। 15 सदस्यीय ट्रस्ट में नौ सदस्यों को
नामों की घोषणा तथा उसमें दलित के रूप में शिलान्यास में नींव की ईंट रखने वाले दलित
कामेश्वर चौपाल को शामिल करने का अर्थ है कि नामों पर मंथन काफी समय से चल रहा था।
सर्वोच्च न्यायालय में श्रीराम जन्मभूमि के वकील रहे के. पारासन
की सहमति पहले से ही ली गई थी, अन्यथा ट्रस्ट का पता उनका आवास
नहीं होता। यूं इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें से छह का मनोनयन किया जाएगा, लिहाजा किसी महिला
को शामिल किए जाने का रास्ता अभी खुला हुआ है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति
रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने पिछले वर्ष नौ नवम्बर को दशकों पुराने
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का निपटारा करते हुए अपने ऐतिहासिक
फैसले में विवादित जगह हिन्दू पक्षकारों को देने और मुस्लिमों को अयोध्या में पांच
एकड़ जमीन देने के निर्देश दिए थे। कई दशकों तक इस मुद्दे ने देश की राजनीति और सामाजिक
संरचना तथा सौहार्द को प्रभावित किया, जिसकी परिणति छह दिसम्बर
1992 की घटना के रूप में सामने आई थी, जब
अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहा दिया गया था। दरअसल यह विवाद सिर्प मालिकाना हक तक
सीमित नहीं था, इससे आस्था भी जुड़ी रही है। सर्वोच्च न्यायालय
ने जब अपना फैसला सुनाया था, तब कहा था कि इसे किसी की हार या
जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और वाकई इस बात की तारीफ होनी चाहिए कि इस फैसले
के बाद सभी पक्षों और समुदायों ने संयम का परिचय दिया। श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र
ट्रस्ट के न्यासी स्वामी गोविंद देवगिरी महाराज ने बृहस्पतिवार को कहा है कि अयोध्या
में राम मंदिर का निर्माण इसी साल अप्रैल में या तो रामनवमी या अक्षय तृतीया को प्रारंभ
होगा। स्वामी जी ने कहा कि हालांकि सटीक तिथि ट्रस्ट की पहली बैठक में तय होगी। उन्होंने
कहा कि मैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट गठित करने के मोदी सरकार
के निर्णय का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों की इच्छा थी कि अयोध्या
में एक राम मंदिर का निर्माण किया जाए... यह भगवान राम को समर्पित
केवल एक ढांचा नहीं होगा बल्कि देश का एक प्रतीक भी होगा।
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