दिल्ली विधानसभा
चुनाव से ठीक पहले हिंसा की वारदातों का यूं बढ़ना सभी के लिए चिन्ता का विषय होना
चाहिए। जिस तरह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध करने वाले जो कि शांतिप्रिय तरीके
से बैठे हैं, उन पर गोली चलाने की वारदात एक सोची-समझी चाल नजर आती है। जामिया इलाके में गुरुवार को सिरफिरे के गोलीकांड के
बाद अब शनिवार को शाहीन बाग में गोली चल गई। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में यहां एक 23 वर्षीय युवक कपिल ने हवा में दो गोलियां चलाकर हड़कंप मचा दिया। शाहीन बाग
में प्रदर्शन स्थल से करीब 150 मीटर दूर पुलिस बैरिकेड के पास
कपिल नामक युवक ने नारेबाजी करते हुए हवा में दो गोलियां चलाई। गनीमत यह रही कि गोली
किसी को नहीं लगी। फायरिंग करते ही वहां मौजूद सुरक्षा बल के जवानों ने युवक को दबोच
लिया। उसके पास मौजूद पिस्टल हालांकि अच्छी क्वालिटी की थी पर अवैध निकली। फायरिंग
करने वाले आरोपी की पहचान पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा गांव निवासी कपिल गुर्जर के रूप
में की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कपिल शनिवार शाम बैरिकेड के पास पहुंचा
और नारे लगाने लगा और किसी के कुछ समझने से पहले ही पिस्टल निकालकर हवा में दो गोलियां
चला दीं। इससे पहले कि प्रदर्शन में मौजूद लोग कपिल के पास पहुंचते, पुलिस व सुरक्षा कर्मियों ने उसे काबू कर लिया। दक्षिण पूर्व दिल्ली के पुलिस
आयुक्त चिन्मय बिस्वाल के मुताबिक फिलहाल कपिल से पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों
का कहना है कि कपिल के पास से मिली पिस्टल बढ़िया क्वालिटी की है। इससे लगातार कई गोलियां
चलाई जा सकती हैं। शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे शांतिप्रिय प्रदर्शन
के दौरान यह तीसरी वारदात है। बृहस्पतिवार को जामिया में पैदल मार्च के दौरान एक नाबालिग
लड़के ने भीड़ पर गोली चलाई। करीब एक सप्ताह पूर्व शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के
बीच एक स्थानीय ठेकेदार हाजी लुकमान पिस्टल लेकर घुस गया था। दंगा कराने की साजिश करने
वालों का इरादा इसलिए अब तक कामयाब नहीं हो रहा क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कोई हिंसात्मक
जवाबी कार्रवाई नहीं की। अगर यह करते तो निश्चित रूप से दंगा-फसाद हो सकता था और षड्यंत्रकारी कह सकते थे कि दिल्ली में कानून व्यवस्था
ठप हो गई है इसलिए विधानसभा चुनाव टाले जाएं। प्रदर्शनकारियों ने कपिल गुर्जर द्वारा
गोलियां चलाने के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रगान किया। घटना के बाद शाहीन
बाग में अफरातफरी का माहौल बेशक बन गया था और लोगों की भारी भीड़ जुट गई थी। छोटी-सी चिंगारी से कुछ भी हो सकता था। उत्तेजित भीड़ ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी
की और राष्ट्रगान गाकर अपना विरोध जताया। एहतियात के तौर पर शाहीन बाग में अतिरिक्त
पुलिस बल तैनात किए गए हैं ताकि षड्यंत्रकारी अपनी साजिश में सफल न हों। यह साजिशकर्ता
कौन हैं?
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