Wednesday, 12 February 2020

यह तो गिरना ही था

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जो महाभियोग की प्रक्रिया चल रही थी उसका नतीजा किसी को भी हैरत में डालने वाला नहीं है। ट्रंप के खिलाफ सीनेट में महाभियोग के आरोपों से अमेरिकी उच्च सदन सीनेट ने उन्हें बरी कर दिया। विपक्षी डेमोकेटिक पार्टी के सांसदों की ओर से लगाए गए सत्ता के दुरुपयोग और महाभियोग कार्यवाही में रोड़े अटकाने के दोनों आरोप सदन में गिर गए। मिट रोमनी को छोड़ सत्तारूढ़ रिपब्लिक पार्टी के सभी सांसदों ने ट्रंप पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ मतदान किया। बुधवार को जब सभी रिपब्लिकन सीनेटर ने सत्ता के दुरुपयोग के आरोप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बरी करने का फैसला लिया, तब रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने बहुत साहस का परिचय दिया। द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने घोषणा कर दी कि राष्ट्रपति को आरोपित करने के पक्ष में मतदान करेंगे। उनका सीधा तर्प था, राष्ट्रपति स्वाभाविक ही दोषी हैं। इसमें कोई सवाल नहीं कि राष्ट्रपति ने एक विदेशी ताकत से अपने सियासी प्रतिद्वंद्वी की जांच के लिए कहा। मैं सोच भी नहीं सकता कि अपने हाथों में सत्ता रखने के लिए कोई किसी चुनाव को इस तरह से भ्रष्ट बनाकर संविधान पर ऐसा अहंकारी हमला कर सकता है? और राष्ट्रपति ने यही किया। अपने सहयोगियों से अलग रोमनी ने सच्चाई को नजरंदाज करने से इंकार कर दिया, मैं यह देख पा रहा था कि होशोहवास में रहते यह मैं इस नतीजे पर कैसे पहुंचता और उन बातों को सच्ची न मानूं, जिन्हें मेरा दिल और दिमाग देख पा रहा है। अमेरिकी मीडिया का एक बड़ा तबका इस आरोप को सच भी मानता रहा है। यह बात महाभियोग प्रस्ताव के गिरने के बाद अमेरिका में दिख रही प्रतिक्रिया से साफ है। हालांकि यह मामला सिर्प महाभियोग का नहीं है। इससे भी एक राजनीति जुड़ी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद का अगला चुनाव अब बहुत दूर नहीं है और विपक्षी डेमोकेटिक पार्टी इस महाभियोग के बहाने सत्ता में अपनी वापसी का रास्ता तैयार करना चाहती है। शुरू से ही वह यह मानकर चल रही थी कि इस पूरी प्रक्रिया से उसे डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ माहौल बनाने में मदद मिलेगी। माना जाता है कि उसे इस काम में कुछ हद तक सफलता भी मिली है। हालांकि अभी यह कह पाना संभव नहीं है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव पर इसका कितना असर होगा, या मतदान तक उसके बनाए माहौल का कितना असर बचा रह पाएगा। वह भी तब जब जीत का सेहरा आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप के सिर पर ही बंधा है। जाहिर है कि महाभियोग प्रस्ताव गिरने के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी अब दोगुने जोश से अपने चुनाव अभियान पर निकलेंगे।

-अनिल नरेन्द्र

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