Tuesday 11 February 2020

जज की पत्नी व बेटे के हत्यारे गनमैन को फांसी

जज की पत्नी व बेटे हत्याकांड में दोषी गनर को आखिरकार शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई गई। सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि यह वारदात रेयरेस्ट ऑफ रेयर के दायरे में आती है। बेहद कूरता के साथ हत्या की गई थी, जिसके चलते गनर को सजा--मौत दी जाती है। इसके अलावा साक्ष्य छुपाने के लिए पांच साल, आर्म्स एक्ट के तहत तीन साल और 15 हजार रुपए का जुर्माना भी गनर पर लगाया है। कोर्ट के आदेश के बाद गनर के वकील पीएस शर्मा ने फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की बात कही है। दोहरे हत्याकांड की यह वारदात 13 अक्तूबर 2018 को सेक्टर-48 (गुरुग्राम) की ओर्केडिया मार्केट के बाहर हुई थी। उस समय गुरुग्राम में  बतौर अडिशनल सेशन जज रहे कृष्ण कांत शर्मा की पत्नी और बेटा ध्रुव मार्केट में गनर के साथ आए थे। वहां वह पेंटिंग पर फ्रेम कराकर बाहर आए तो होंडा सिटी कार के पास जज का गनर महिपाल खड़ा था। ध्रुव से पेंटिंग लेकर गनर ने कार में जैसे ही रखी पेंटिंग के फ्रेम में स्कैच आ गया। इसी बात पर दोनों में बहस के बाद हाथापाई हो गई। गुस्से में गनर ने मां-बेटे पर गोली चला दी। महिला की उसी दिन मौत हो गई थी, जबकि 23 अक्तूबर को ध्रुव की भी हॉस्पिटल में मौत हो गई। गुरुवार को गुरुग्राम के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार की अदालत में सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद आरोपी गनर महिपाल को दोषी करार दिया गया। सजा पर अगले दिन दिनभर बहस हुई। अब तक इस पूरे केस में तीन न्यायाधीशों ने सुनवाई की है। इस केस में नौ जनवरी 2019 को आरोपी पुलिस कर्मी महिपाल पर तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सौंधी की अदालत ने चार्ज फ्रेम किए थे। इस मामले में पुलिस की ओर से 81 गवाह बनाए गए थे जिनमें से 64 गवाहों की गवाहियां अदालत में एक फरवरी से लेकर सात दिसम्बर 2019 तक कराई गई। इन गवाहों में दो चश्मदीद गवाहों के अलावा तीन न्यायाधीशों ने भी गवाही दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सौंधी का तबादला होने के बाद उनके स्थान पर आए सत्र न्यायाधीश एमएम कौंचक ने इस मामले की सुनवाई की। इसके बाद यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत ने कहा कि दोषी अनुशासित पुलिस फोर्स का सदस्य है और बिना कारण एक न्यायिक अधिकारी की पत्नी व मासूम बेटे की हत्या कर दी। असहाय महिला व मासूम युवक ने दोषी पर विश्वास जताया था लेकिन उसने उनका ही नहीं आम पब्लिक का विश्वास तोड़ा है। अदालत ने कहा कि दोषी ने दिनदहाड़े भरे बाजार में इस हत्याकांड को अंजाम दिया, उससे स्पष्ट है कि उसे मानव जीवन की कोई परवाह नहीं है। उसने इस हत्याकांड को एक साजिश के तहत अंजाम दिया। उसने युवक को गोली मारने के बाद उसके शरीर को घसीटा ही नहीं बल्कि उसके सिर पर लात मारी। उसके इस प्रकार के व्यवहार से सभी सन्न रह गए।

-अनिल नरेन्द्र

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