दिल्ली के चुनाव में धन बल और बाहुबल का लगातार
बढ़ना सभी के लिए चिन्ता का विषय होना चाहिए। एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोकेटिक रिफॉर्म) की ताजा रिपोर्ट के
अनुसार देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 20 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 15 प्रतिशत पर गंभीर मामले हैं। आपराधिक मामले वाले उम्मीदवारों की संख्या लगातार
बढ़ती जा रही है। वर्ष 2008 में यह मात्र 14 प्रतिशत और 2015 में 17 प्रतिशत
आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। एडीआर ने सभी उम्मीदवारों के हलफनामों
की जांच के बाद यह रिपोर्ट जारी की है। आपराधिक मामलों के साथ-साथ करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या भी राजधानी में बढ़ी है। इस बार दिल्ली
के दंगल में 36 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
इनमें सबसे ज्यादा कांग्रेस उम्मीदवार हैं। अधिकतम सम्पत्ति के मामले में मुंडका के
आम आदमी पार्टी (आप) से चुनाव लड़ रहे धर्मपाल
लाकड़ा की सम्पत्ति 292 करोड़ रुपए है। बीते चुनाव में सबसे ज्यादा
सम्पत्ति मनजिन्दर सिंह सिरसा ने घोषित की थी। उनके पास 239 करोड़
रुपए थे। सिरसा इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लाकड़ा के बाद आम आदमी पार्टी
(आप) की प्रोमिला टोकस और बदरपुर से चुनाव लड़
रहे राम सिंह नेता जी के पास 80 करोड़ रुपए से ज्यादा की सम्पत्ति
है। 2020 में उतरे प्रत्याशियों में 32 पर महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इनमें से एक प्रत्याशी पर दुष्कर्म
तक का मामला दर्ज है। 70 विधानसभा सीट में से 25 विधानसभा ऐसी हैं जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामला
दर्ज होने की जानकारी दी है। 51 प्रतिशत उम्मीदवार 12वीं या उससे कम पढ़े हुए हैं। 16 प्रतिशत उम्मीदवारों
ने खुद को असाक्षर घोषित किया है। 66 प्रतिशत उम्मीदवारों की
आयु 50 वर्ष से कम है। आठ उम्मीदवारों ने आयु घोषित ही नहीं की
है। 12 प्रतिशत महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनाव
में 10 प्रतिशत महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। महिलाओं की संख्या
बढ़ना स्वागत योग्य है। 2008 में 790 प्रत्याशियों
में से 14 प्रतिशत यानि 111 प्रत्याशियों
पर आपराधिक मामले दर्ज थे। 2013 में 796 उम्मीदवारों में से 16 प्रतिशत यानि 130 पर मामले दर्ज थे। 2015 में यह संख्या 17 प्रतिशत हो गई और 673 उम्मीदवारों में से 114
पर मामले दर्ज थे। 2020 में 673 प्रत्याशियों में से 20 प्रतिशत यानि 133 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इसका मतलब है कि दागी उम्मीदवारों की
संख्या बढ़ती जा रही है और नेता लोग व पार्टियां राजनीति में स्वच्छता लाने की बात
करते हैं।
-अनिल नरेन्द्र
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