Friday, 14 February 2020

गार्गी कॉलेज में छेड़छाड़ का शर्मनाक मामला

दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में छह फरवरी की शाम छात्राओं के साथ जिस तरह से बदतमीजी, छेड़छाड़ और मारपीट की वह इस बात का प्रमाण है कि राजधानी दिल्ली में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं? गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को फेस्ट समारोह के दिन करीब 10 हजार छात्र-छात्राओं की भीड़ थी लेकिन इसके मुताबिक सुरक्षा इंतजाम नहीं थे। जुबिन नौटियाल के कार्यक्रम की वजह से शोरशराबा इतना था कि कि पीड़ित छात्राओं की आवाज वहीं दबकर रह गई और किसी ने कोई बयान नहीं दिया। सभी को प्रवेश के लिए पास जारी किया गया था। ऐसे में भारी भीड़ कैंपस परिसर में जुट गई थी, बाहरी लोग छात्राओं से आपत्तिजनक हरकतें करते रहे, वह चिल्लाईं और विरोध किया। लेकिन भारी शोरशराबे में उनकी आवाज पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जो सबसे आगे बैठे थे उन्हें तो पता भी नहीं था कि ऐसा कुछ हुआ है। छात्राओं ने आप-बीती बयां करते हुए कहा कि वार्षिक समारोह के दौरान कॉलेज परिसर में घुसे लोग 30 साल के आसपास की उम्र के थे और वह नशे में धुत्त थे। उन्होंने छात्राओं को जबरन गलत तरीके से छुआ और घसीटा। आपत्तिजनक हरकतें कीं जबकि पुलिस व सुरक्षाकर्मी तमाशा देखते रहे। छात्राओं का कहना है कि कॉलेज परिसर उनके लिए एक सुरक्षित स्थान था, लेकिन उसकी सुरक्षा पूरी तरह से धराशायी हो गई है। एक छात्रा ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों का दावा किया था लेकिन इसके बाद भी छात्राओं से बाहरी लोगों ने छेड़छाड़ व धक्का-मुक्की, छुआ छुई की। देश के किसी भी कॉलेज में इस तरह की घटना नहीं हुई होगी। अगर छात्राओं ने इस घटना को रविवार को ट्विटर और इंस्टाग्राम पर साझा नहीं किया होता तो शायद इसकी कहीं खबर नहीं नजर आती, न ही सोमवार को लोकसभा में यह मामला उठता। हालांकि अब दिल्ली महिला आयोग भी जगा है। और कॉलेज प्रशासन व दिल्ली पुलिस को समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए नोटिस भी भेजा है। दिल्ली के कॉलेजों में सालाना उत्सव के दौरान कुछ घटनाएं पहले भी होती रही हैं। लेकिन उनसे सबक लेना जरूरी नहीं समझा गया। गार्गी कॉलेज की घटना राजधानी की कानून-व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह इसलिए भी है कि दिल्ली में पूरा सत्ता तंत्र मौजूद है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगरानी कैमरे लगे होने का दावा किया जाता है। इसके बाद भी अपराधी अगर बेखौफ रहते हैं तो यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्हें कहां से सुरक्षा और शह मिल रही है? आपराधिक तत्व जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे और सीएए के समर्थन में शायद रैली निकल रही थी। यह समूचे समाज को सोचने की जरूरत है कि गार्गी कॉलेज में लड़कियों पर हमला करने वाले कौन थे, और कौन उन्हें संरक्षण दे रहा था?

-अनिल नरेन्द्र

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