Friday 20 May 2011

दाऊद के भाई इकबाल कासकर पर जानलेवा हमला

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
 Published on 20 May 2011
अनिल नरेन्द्र
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर पर मंगलवार देर रात कातिलाना हमले से मुंबई के अंडरवर्ल्ड में जंग छिड़ने की सम्भावना है। इस सनसनीखेज वारदात में इकबाल कासकर बाल-बाल बच गए पर उसका अंगरक्षक मारा गया। वारदात के समय इकबाल कासकर अपने बड़े भाई दाऊद के दक्षिण मुंबई के पाकमोडिया स्ट्रीट स्थित पुश्तैनी घर के पास कार्यालय में बैठा था। तभी दो हथियारबंद हमलावरों ने 6 से 7 राउंड फायरिंग की। इसमें कासकर के दो अंगरक्षक जख्मी हो गए, उन्हें फौरन पास के जेजे अस्पताल में ले जाया गया जहां डक्टरों ने आरिफ नाम के एक अंगरक्षक को मृत घोषित कर दिया। आरिफ इकबाल कासकर का अंगरक्षक होने के साथ-साथ विश्वासपात्र ड्राइवर भी था। इस बीच इलाके से भाग रहे दो संदिग्ध लोगों को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पायधुनी पुलिस के हवाले किया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं कि इन दोनों ने ही इकबाल पर हमला किया था। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए लोगों के पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं। यह पता नहीं चल रहा है कि दाऊद के भाई इकबाल कासकर पर किसने हमला करवाया?
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इकबाल कासकर निशाने पर नहीं था, ड्राइवर ही निशाने पर था। सरकार ने कहा कि जब हथियारबंद लोगों ने दक्षिण मुंबई में गोलीबारी की उस समय इकबाल वहां मौजूद नहीं था। महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने अहमदनगर में पत्रकारों से कहा कि मामले में गिरफ्तार लोगों से शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उनके निशाने पर ड्राइवर इरफान था। महाराष्ट्र सरकार का यह भी कहना है कि यह शूटआउट किसी गैंगवार का नतीजा नहीं था क्योंकि मुंबई में कोई गैंग बचा ही नहीं। श्री पाटिल की बातों पर विश्वास नहीं हो रहा। इस हमले से एक बार फिर मुंबई दहशत में आ गई है। सबको यहां डर सता रहा है कि कहीं मुंबई की सड़कों पर फिर से खूनी गैंगवार न छिड़ जाए। इसी खतरे को देखते हुए शायद सरकार ने यह कहना शुरू कर दिया है कि इकबाल तो मौके पर मौजूद ही नहीं था। लेकिन जिस प्रोफेशनल तरीके से हमला हुआ उससे साफ है कि निशाने पर इकबाल कासकर ही था न कि आरिफ। सूत्रों के मुताबिक इस हमले की पूरी साजिश नेपाल में रची गई। नेपाल यानि अंडरवर्ल्ड के काले चेहरे का पसंदीदा ठिकाना। इकबाल को मारने आए दोनों हमलावर कांट्रेक्ट किलर थे। एक का नाम सैयद बिलाल मुस्तफा बताया जाता है जो ठाणे का रहने वाला है और दूसरे का नाम इन्द्र खत्री बताया जा रहा है। दाऊद के भाई पर हाथ डालना आसान काम नहीं है। ऐसे काम के लिए किसी माहिर और बेखौफ कांट्रेक्ट किलर की जरूरत थी। दोनों किलरज को 10 लाख रुपये दिए गए। हमले से चार दिन पहले दोनों ने रेकी थी। इकबाल की हर मूवमेंट को नोट किया। दोनों को इस बात की पुख्ता जानकारी थी कि रात 8 से 10.30 बजे तक इकबाल उसी जगह बैठता है जहां शूटआउट हुआ। मंगलवार की रात हमले के वक्त इन्द्र खत्री इकबाल कासकर को पहचानने में गलती कर गया। यही वजह है कि उसने थोड़ा पहले गोली चला दी। इकबाल उस समय सीढ़ियों से नीचे आ रहा था उसी वक्त फायरिंग स्टार्ट हुई। सूत्रों का कहना है कि इकबाल के आदमियों ने भागते हमलावरों पर भी गोलियां चलाईं पर वह बच गए। आने वाले दिनों में मामले के खुलासे की सम्भावना है। अगर छोटा राजन ने यह हमला करवाया है तो गैंगवार की पूरी सम्भावना है।

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