Tuesday 10 May 2011

बेचारा राजा, अब परिवार ने भी उन्हें बलि का बकरा बनाया

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
प्रकाशित: 10 मई 2011
-अनिल नरेन्द्र

कहते हैं कि जब अपने पर पड़ती है तो व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए किसी को भी कुर्बान करने को, बलि का बकरा बनाने को तैयार हो जाता है। ऐसा ही कुछ किस्सा एम. करुणानिधि की बेटी सांसद कनिमोझी के साथ हो रहा है। 25 अप्रैल को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की पूरक चार्जशीट में सीबीआई ने आरोप लगाया कि कनिमोझी ने ए. राजा के साथ मिलकर साजिश रची और स्वॉन टेलीकॉम को 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटन के एवज में शाहिद बलवा ने कलैगनार टीवी को 200 करोड़ रुपये कुशेगांव रियल्टी और सिने युग के मार्पत दिए। स्वॉन टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा और उसका भाई आसिफ बलवा भी इस घोटाले में आरोपी हैं। कनिमोझी ने पिछले दिनों अपनी अंतरिम जमानत की याचिका दायर की। Šजी स्पेक्ट्रम घोटाले में उनकी भूमिका के लिए स्पेशल कोर्ट द्वारा सम्मन जारी किए जाने के बाद गत शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर होते हुए 43 वर्षीय सांसद कनिमोझी ने जमानत की मांग की। उन्होंने महिला और सांसद होने के आधार पर भी जमानत की मांग की। स्पेशल जज ओपी सैनी ने कहा कि वह कनिमोझी और कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की जमानत याचिका पर अपना फैसला 14 मई को सुनाएंगे। यह फैसला विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद आएगा।
सीबीआई की तरफ से विशेष लोक अभियोजक यूयू ललित ने कहा, कलैगनार टीवी का नियंत्रण भले ही शरद कुमार कर रहे हों लेकिन पर्दे के पीछे से जो व्यक्ति टीवी का सब कुछ नियंत्रण कर रहा है वो है यह महिला (कनिमोझी)। कनिमोझी की ओर से पेश हुए राम जेठमलानी ने दलील दी कि संचार मंत्री रहते हुए ए. राजा ने जो कुछ भी किया, उसके लिए उनकी मुवक्किल (कनिमोझी) को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। जेठमलानी के अनुसार किसी कम्पनी में किसी व्यक्ति के हिस्सेदार होने मात्र से उक्त कम्पनी में हुई कथित गड़बड़ियों के लिए उसे आरोपी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि संचार मंत्री के रूप में ए. राजा द्वारा किए गए किसी भी अपराध के लिए कनिमोझी को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। यदि राजा ने कोई गलत काम किया है तो अदालत उनके खिलाफ कार्रवाई करे और कनिमोझी को इसमें शामिल करने की भूल न करें। सरकारी वकील यूयू ललित ने जेठमलानी की दलीलों से असहमति प्रकट करते हुए स्पष्ट कहा कि कलैगनार टीवी की घोटाले की रकम से 200 करोड़ रुपये गए हैं। इस चैनल में 20 फीसदी हिस्सेदारी कनिमोझी की है और 60 फीसदी हिस्सेदारी परिवार के दूसरी सदस्य दयालु अम्माल के हैं। दयालु अम्माल एम. करुणानिधि की पत्नी हैं।
कनिमोझी की दलीलों से करुणानिधि के कुनबे में दरारों की बदबू आ रही है। ए. राजा जो अब तक करुणानिधि के सबसे ज्यादा विश्वास पात्रों में से एक थे, को अब बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उसके मत्थे सारे आरोप थोपे जा रहे हैं जबकि सभी जानते हैं कि बेशक राजा फ्रंट पर था पर असल लाभ तो करुणानिधि परिवार को ही मिला। खैर, मामला अदालत में है, देखें आगे क्या होता है?

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