Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
प्रकाशित: 12 मई 2011
-अनिल नरेन्द्र
-अनिल नरेन्द्र
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सोमवार को अमेरिका के `किल ओसामा' ऑपरेशन के मसले पर संसद में सफाई देते हुए उल्टे अमेरिका को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने साफ पूछा कि ओसामा किसकी देन है? ओसामा न तो हमारी देन है और न ही हमने ओसामा को बढ़ावा ही दिया। यह आपने (अमेरिका) ने किया है। गिलानी ने ओसामा बिन लादेन के दुर्दांत आतंकी बनने पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर ओसामा को तैयार किसने किया? 90 के दशक में तालिबान और अलकायदा के उभरने पर सवाल उठाते हुए गिलानी ने कहा कि ओसामा बिन लादेन के लिए अकेले पाकिस्तान को दोष नहीं दिया जा सकता। अमेरिका पर परोक्ष हमला बोलते हुए गिलानी ने कहा कि अलकायदा सरगना को इतना बड़ा आतंकी किसने बनाया यह भी जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें अन्य देशों की नीतियों और गलतियों का जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। अलकायदा का जन्म स्थान पाकिस्तान नहीं है। हमें इतिहास से सीख लेते हुए चीजों को सामने रखना होगा। गिलानी नेशनल असेम्बली (संसद) को संबोधित कर रहे थे। गिलानी ने कहा कि हमने लादेन को पाकिस्तान या अफगानिस्तान में आमंत्रित नहीं किया। गिलानी ने आईएसआई की सराहना करते हुए कहा कि आईएसआई हमारी राष्ट्रीय सम्पदा है। मुझे आतंक विरोधी गतिविधियों के लिए आईएसआई की भूमिका पर गर्व है। गिलानी ने यह भी कहा कि अमेरिका हमारी आईएसआई की मदद के बिना आतंकी सरगना लादेन तक पहुंच नहीं सकता था। गिलानी ने पाक में लादेन के पाए जाने के बाद पाक सेना और आईएसआई की आलोचनाओं को खारिज कर दिया। गिलानी ने अमेरिका की दोहरी चाल का हवाला देते हुए कहा कि 80 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत सेना के खिलाफ जेहादियों को तैयार करने में अमेरिका ने मुख्य भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि पाक निश्चित तौर पर पूरे प्रकरण की तह में जाएगा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अमेरिकी नीति का दुष्परिणाम पाकिस्तान आज भी भुगत रहा है। गिलानी ने अन्त में यह चेतावनी दे डाली कि अब किसी ने ऐसा दुस्साहस किया तो मुंहतोड़ जवाब देंगे।
निश्चित रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिका को खरी-खरी सुनाई हैं। यह सत्य है कि ओसामा बिन लादेन अमेरिका की देन है पर पुराना इतिहास दोहरा कर पाकिस्तान अपनी जिम्मेवारियों से नहीं बच सकता। दरअसल पाकिस्तान इसलिए भी अमेरिका से पंगा लेने का जोखिम उठा रहा है, क्योंकि वह अमेरिका की मजबूरियों से परिचित है। अमेरिका सब कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान के तलवे चाटेगा उन्हें अरबों डालर देगा। पाकिस्तान आज भी अमेरिका की वॉर ऑन टेरर में सबसे बड़ा सहयोगी है। फिर चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ है। ऑपरेशन किल ओसामा के बाद जब सारी दुनिया पाक को कोस रही थी तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जियांग यू ने कहा, `पाकिस्तान आतंकवाद निरोधक प्रयासों में आगे है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान की ओर से दिए जाने वाले सहयोग को समझना चाहिए और उसका समर्थन करना चाहिए।' आज भी अमेरिका को पाकिस्तान की ज्यादा जरूरत है बनिस्पत पाक को अमेरिका की। वैसे अमेरिका को इतनी खरी-खोटी सुनाने के लिए गिलानी की हिम्मत की दाद देनी होगी।
निश्चित रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिका को खरी-खरी सुनाई हैं। यह सत्य है कि ओसामा बिन लादेन अमेरिका की देन है पर पुराना इतिहास दोहरा कर पाकिस्तान अपनी जिम्मेवारियों से नहीं बच सकता। दरअसल पाकिस्तान इसलिए भी अमेरिका से पंगा लेने का जोखिम उठा रहा है, क्योंकि वह अमेरिका की मजबूरियों से परिचित है। अमेरिका सब कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान के तलवे चाटेगा उन्हें अरबों डालर देगा। पाकिस्तान आज भी अमेरिका की वॉर ऑन टेरर में सबसे बड़ा सहयोगी है। फिर चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ है। ऑपरेशन किल ओसामा के बाद जब सारी दुनिया पाक को कोस रही थी तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जियांग यू ने कहा, `पाकिस्तान आतंकवाद निरोधक प्रयासों में आगे है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान की ओर से दिए जाने वाले सहयोग को समझना चाहिए और उसका समर्थन करना चाहिए।' आज भी अमेरिका को पाकिस्तान की ज्यादा जरूरत है बनिस्पत पाक को अमेरिका की। वैसे अमेरिका को इतनी खरी-खोटी सुनाने के लिए गिलानी की हिम्मत की दाद देनी होगी।
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