Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
प्रकाशित: 15 मई 2011
-अनिल नरेन्द्र
-अनिल नरेन्द्र
तमिलनाडु में एम. करुणानिधि की पार्टी द्रमुक का विधानसभा चुनाव में सफाया हो गया है। 234 सीटों की विधानसभा में करुणानिधि को सिर्प 31 सीटें ही मिली हैं जबकि अन्ना द्रमुक नेता जयललिता की पार्टी को 200 सीटें हासिल हुई हैं। करुणानिधि की हार से मुझे विशेष प्रसन्नता हुई है। भगवान राम को गाली देने वालों का यही हश्र होना चाहिए। यह वही करुणानिधि हैं जिन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में सवाल किया था कि राम एक काल्पनिक व्यक्ति थे। रामायण मात्र कपोल कल्पना है। उसका कोई वजूद नहीं है। राम ने किस इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री ली थी? यह टिप्पणी रावण के इस वंश ने सेतु समुद्रम परियोजना विवाद के दौरान की थी। मुझे रामायण की कुछ चौपाइयां याद आ रही हैं।
`राम विमुख अस हाल तुम्हारा। रहा कोई न कुल रोबन हारा'
अर्थात् भगवान राम से विमुख होने पर तुम्हारा ऐसा हाल हो गया है कि तुम्हारे परिवार में कोई रोने वाला भी नहीं बचा। जनता ने वही किया जो रामायण की इस चौपाई में लिखा है `जाको प्रिय न राम वैदेही। तजिये ताहि कोटि काति वैरी सम।। यद्यपि परम स्नेही' अर्थात् जिसे भगवान राम और मां सीता प्रिय न हों उसका त्याग कर देना चाहिए चाहे वह कितना भी अपना प्रिय क्यों न हो।
जब करुणानिधि और उनके चेले टीआर बालू ने रामसेतु को गिराने की वकालत की थी उसी समय से उनका पतन होना शुरू हो गया था।
जब करुणानिधि और उनके चेले टीआर बालू ने रामसेतु को गिराने की वकालत की थी उसी समय से उनका पतन होना शुरू हो गया था।
`जो अपराध भगत कर करहीं राम रोष पावक सो जरहीं'
अर्थात् यदि कोई व्यक्ति भगवान राम के भक्तों के प्रति अपराध करता है तो वह प्रभु के क्रोध रूपी अग्नि में जलता है। इसका तात्पर्य यह है कि भगवान राम उस दुष्ट व्यक्ति को कदापि नहीं माफ करते जो उनके भक्तों का दिल दुखाता है। रामसेतु का निर्माण भगवान राम ने नहीं बल्कि उनके भक्त हनुमान और हनुमान सेना ने किया था और करुणानिधि ने रामसेतु को तोड़ने के लिए जो तिकड़म रची थी उससे भगवान राम के भक्तों का दिल दुखा। इसे भक्त वत्सल भगवान राम कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। इसीलिए राम चरित मानस में संत तुलसीदास ने कहा हैö`जाको प्रभु दारुण दुख दीन्हा ताकि मति पहिले ही लीन्हा' अर्थात् भगवान जिसे अत्यंत कष्ट देना चाहते हैं उसकी बुद्धि को पहले ही हर लेते हैं। वही हुआ करुणानिधि के साथ। आज करुणानिधि खुद इतने बीमार हैं कि कहा नहीं जा सकता कि इस हार का उन पर क्या असर हो। उनकी बेटी कनिमोझी किसी भी समय जेल जा सकती हैं। ए. राजा पहले से ही जेल में हैं। एक पत्नी दयालु अम्मल भी फंस सकती है। टीआर बालू बाहर हैं और सत्ता में शायद ही कभी आएं। कुल मिलाकर पूरा परिवार ही बिखर रहा है।
करुणानिधि की इस शर्मनाक हार के बाद उनका मनमोहन सरकार के प्रति क्या रुख रहता है यह कांग्रेस के लिए थोड़ी चिन्ता पैदा कर सकता है। क्योंकि अब वे केंद्र सरकार से अपने मंत्री हटा सकते हैं पर कांग्रेस को इसकी ज्यादा चिन्ता नहीं होनी चाहिए। द्रमुक सांसदों की कमी पूरी हो जाएगी। हां अब कांग्रेस Šजी स्पेक्ट्रम घोटाले में खुलकर करुणानिधि एण्ड कम्पनी की जांच-पड़ताल बिना किसी दबाव के कर सकती है। राजीव गांधी के हत्यारे लिट्टे के समर्थक करुणानिधि का यही हश्र होना चाहिए था।
Read this Article in English: http://anilnarendrablog.blogspot.com/2011/05/those-who-abuse-lord-will-always-suffer.html
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