Friday, 13 May 2011

26/11 मुंबई हमलों पर आईएसआई की भूमिका पर अमेरिकी मुहर

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
प्रकाशित: 13 मई 2011
-अनिल नरेन्द्र
26/11 मुंबई हमलों पर आईएसआई की भूमिका पर अब अमेरिका ने भी मुहर लगा दी है। अमेरिका के शिकागो की एक अदालत में 25 अप्रैल को दाखिल दूसरी चार्जशीट में साजिद मीर, मजहर इकबाल और अबू कहाफा के साथ मेजर इकबाल का नाम बतौर आरोपी लिया गया है। इसके अलावा लश्कर-ए-तोयबा `मेम्बर डी' पहचान वाले एक व्यक्ति को भी आरोपी बनाया गया है। अमेरिका ने भारत को इससे जुड़ा एक डोजियर भी सौंपा है। डोजियर ने भारत के इस दावे पर मुहर लगा दी है कि मुंबई हमलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का हाथ था। जिन पांच आतंकवादियों का नाम चार्जशीट में शामिल है उनमें आईएसआई के मेजर इकबाल का नाम भी शामिल है। इनके खिलाफ मामले की सुनवाई 16 मई को शिकागो अदालत में शुरू होगी। शिकागो की अदालत में दायर चार्जशीट में जिन आतंकियों के नाम आए हैं, ये सभी पाकिस्तानी नागरिक हैं। इनमें से साजिद, मजहर, अबू और इकबाल की शिनाख्त पहले भी की गई थी। लेकिन इनका नाम पहले चार्जशीट में नहीं था। पाकिस्तानी मूल के संदिग्ध आतंकी डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा को भी मुंबई हमले के मामले में आरोपी बनाया गया है। अमेरिकी आयोजकों के मुताबिक, साजिद मीर लश्कर से जुड़ा था और आतंकवादी संगठन और दूसरे संगठनों के बीच के संबंधों की निगरानी करता था। उसने हेडली के सहयोगी की भूमिका निभाई थी। मुंबई हमले से जुड़ी अपनी भूमिका को हेडली पहले से ही स्वीकार कर चुका है। अबू कहाफा का ताल्लुक भी लश्कर से है। वह लश्कर के प्रशिक्षण शिविर में आतंकवादियों को हमलों के लिए आधुनिक तकनीक के गुर सिखाता था। दूसरी ओर मजहर इकबाल और `सदस्य डी' इस पाकिस्तानी आतंकी संगठन के स्वयंभू कमांडर थे। वकीलों का कहना है कि इकबाल नामक शख्स ने मुंबई हमले की साजिश रचने और आर्थिक मदद देने में अहम भूमिका निभाई। साजिद, कहाफा और मजहर ने हेडली, सदस्य डी और अन्य के साथ मिलकर मुंबई हमलों की पूरी साजिश रची थी। 26 नवम्बर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में 166 लोगों की जान गई थी जिनमें कई विदेशी भी थे।

मुंबई हमलों में पाक के शामिल होने का एक और सबूत भी सामने आया है। कराची के एक घर से एक ऐसा डिब्बा मिला है, जिसमें जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) रखा था। इस घर को मुंबई हमले के दौरान आतंकियों ने कंट्रोल रूम के तौर पर इस्तेमाल किया था। एक अधिकारी ने कहा कि पाक के साथ होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में भी भारत इस मुद्दे को उठाएगा। जिस `कुबेर' नाम की नाव से हमलावर मुंबई पहुंचे थे, उन्होंने जीपीएस का उपयोग किया था। इसका पैकिंग कॉर्टून कराची में मिला है। यह पैकिंग कॉर्टून स्वयं पाक एजेंसी ने जब्त किया है। जीपीएस का नम्बर, उसका मॉडल और पैकिंग की तिथि उस जीपीएस से मिलती है जो कुबेर नामक नौका से मिला था। इस नए तथ्य से भारत का जकीउर रहमान लखवी सहित सात लश्कर आतंकियों के खिलाफ मुंबई हमले में चलाए जा रहे अभियोग को भी मजबूती मिलेगी। शिकागो में चल रहा केस जल्द और तथ्य उजागर करेगा और पाक सरकार, सेना व आईएसआई को बेनकाब करने में मदद देगा।

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