Sunday 8 May 2011

लादेन का खात्मा करने वाले गुमनाम नेवी सील्स

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
प्रकाशित: 07 मई 2011
-अनिल नरेन्द्र
अमेरिका के प्रतिष्ठित नेवी सील दस्ते जिसने दुनिया के मोस्ट वांटेड टेरेरिस्ट ओसामा बिन लादेन को मार गिराया, में कौन-कौन शामिल थे, उनके नाम क्या थे, यह शायद ही कभी पता चले। यह गुमनाम सीलों आज अमेरिका सहित पूरी सभ्य दुनिया के हीरो हैं पर इनकी ट्रेनिंग देखिए, इनके बारे में कोई व्यक्तिगत डीटेल जैसे कि नाम, पता कभी नहीं दिया जाएगा। बस इन्हें टीम-6 के नाम से ही पुकारा जाएगा। बिन लादेन ऑपरेशन में कुल 79 सैनिक थे। इनमें से लगभग 12 नेवी सील एबटाबाद की उस हवेली में घुसे जहां बिन लादेन रह रहा था। निश्चित रूप से यह अमेरिकी सेना में सबसे घातक जत्था है। इनकी ट्रेनिंग इतनी सख्त होती है कि मुश्किल से 80 प्रतिशत ही पूरी कर पाते हैं। यह समुद्र, जमीन और आसमान तीनों पर हमला करने के लिए ट्रेंड होते हैं। ऑपरेशन बिन लादेन के लिए इन सीलों ने एक अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। इस प्रकार का हेलीकॉप्टर पहले कभी नहीं देखा गया है। इसके बारे में जानकारी तब मिली जब विशेषज्ञों को एबटाबाद ऑपरेशन के दौरान तबाह हुए हेलीकॉप्टर के मलबे के निरीक्षण से मिली। इस ऑपरेशन के दौरान अमेरिकी दस्ते नेवी सील्स का एक हेलीकॉप्टर खराब होकर गिर गया था और ऑपरेशन की समाप्ति के बाद सील्स ने उसको तबाह खुद ही कर दिया था ताकि उसके अन्दर कम्प्यूटर पर डाटा इत्यादि सूचनाएं बाहर न आ सकें और न ही हेलीकॉप्टर के अन्दर क्या-क्या यंत्र लगे हैं, इसकी भी जानकारी बाहर आए। इस हेलीकॉप्टर का नाम यूएम-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर है। इसमें कई बदलाव किए गए हैं ताकि उसकी आवाज कम से कम हो जाए और राडार भी इसे नहीं पकड़ सके। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि राडार ने तो हेलीकॉप्टर को न केवल पकड़ ही सका बल्कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान के अन्दर आते वक्त ही उनको देखा गया।
ओसामा बिन लादेन के खात्मे के लिए अमेरिका के जिस शख्स ने सबसे ज्यादा मेहनत की वह अमेरिकी सरकार में आतंकियों का शिकार करने में सर्वाधिक अनुभव रखने वाले अधिकारियों में से एक वाइस एडमिरल विलियम एच. मकरैवन हैं। जब रविवार को अमेरिकी हेलीकॉप्टर लादेन के खात्मे के लिए पाकिस्तानी सीमा में घुसे थे, उस वक्त अफगानिस्तान के बगराम एयर फील्ड स्थित ज्वाइंट ऑपरेशन सेंटर की कमान टेक्सास से वाइस एडमिरल मवरैवन ही सम्भाल रहे थे। इन्होंने ही दो माह पहले ही ओसामा बिन लादेन मिशन के लिए नेवी सील्स की विशेष यूनिट बनाई थी। उन्होंने इस अतिगोपनीय अभियान के लिए हफ्तेभर गहन ट्रेनिंग दी। अभियान के दो ही नतीजे होते सफल होता तो अलकायदा का सफाया और विफल होता तो पाकिस्तान के साथ अमेरिकी गठबंधन खतरे में पड़ जाता। जब पता चला कि एबटाबाद में बिन लादेन का घर ऊंची-ऊंची दीवारों से घिरा है और अमेरिकी राष्ट्रपति ने उसमें घुसने की इजाजत दे दी तो सीआईए प्रमुख लियोन पेनेटा ने यह काम मवरैवन को सौंपा। वाइस एडमिरल मवरैवन किसी भी मिशन की सफलता के लिए छह मुख्य सूत्र मानते हैं अचरज में डालना, गति, सुरक्षा, सरलता, उद्देश्य और दोहराव। ओसामा अभियान की जोखिम को देखते हुए उन्होंने इसमें एक और सूत्र जोड़ा शुद्धता या सूक्षमता। उनके द्वारा उच्च मानदंडों को महत्व देना ही मिशन ओसामा की सफलता का कारण बना।

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