Tuesday 3 April 2012

ज्वैलरों की हड़ताल से तबाह हो रहे कारीगर

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 3 April 2012
अनिल नरेन्द्र
पिछले 16 दिनों से दिल्ली की ज्वैलरी मार्पिट ठप पड़ी है। वित्त मंत्री के बजट प्रस्ताव के कुछ सुझावों को लेकर दरीबा, करोल बाग, भोगल, शाहदरा जैसी दिल्ली की तमाम बुलियन एसोसिएशन अपने बाजारों में धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं। उत्तर प्रदेश के तमाम सर्राफा बाजार बन्द रहे और जुलूस निकाल रहे हैं। यह सब प्रणब मुखर्जी के बजट में गैर ब्रांडेड ज्वैलरी पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने पर है। लगता है प्रणब दा कर बढ़ाते समय यह भूल गए कि ज्वैलरों के पास लाखों कारीगर भी काम करते हैं और इस हड़ताल से उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। ज्वैलरी बनाने वाले एक कारीगर रोजाना 200 में दरीबां के एक ज्वैलर पर काम करता है। लेकिन हड़ताल के कारण 16 दिनों से बिना किसी वेतन के धरने पर बैठा है। इस उम्मीद में कि हड़ताल खत्म होगी और वह ज्वैलरी बनाने के काम से फिर अपनी रोजी-रोटी कमा सकेगा। यह कहानी सिर्प एक परिवार की नहीं। सिर्प दरीबा में ही एक लाख से ज्यादा कारीगरों के पास हड़ताल के कारण काम नहीं है। इनमें से 50 फीसदी डेलीवेजिज पर काम करते हैं। दरीबा के कारीगरों की एसोसिएशन का नेतृत्व कर रहे सुनील कुमार ने बताया कि यहां 80 फीसदी कारीगर काम न होने के कारण गांव चले गए हैं। कारीगरों के साथ ज्वैलर भी परेशान हैं। एक ज्वैलर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, `सैलेरी वाले कारीगरों, कर्मचारियों को 15 दिन का वेतन अभी जेब से देना पड़ेगा और इन 15 दिन में कोई कमाई नहीं हुई है। अभी सबसे जरूरी है कि सरकार एक्साइज ड्यूटी वापस ले, क्योंकि इसके बाद एक अप्रैल से हमारे लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा। देशभर के ज्वैलर 17 मार्च से हड़ताल पर हैं।' गत शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर जैम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर की मांगों का हल निकालने की मांग की। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस और उसकी चिर प्रतिद्वंद्वी माकपा इस मुद्दे पर स्वर्णकारों और सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल पर साथ-साथ नजर आए। दोनों पार्टियों ने इसका विरोध कर सरकार से बढ़ी एक्साइज ड्यूटी वापस लेने की मांग की। दरीबा ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल जैन ने कहा कि जब तक सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती, तब तक सर्राफा व्यापारी वर्ग हड़ताल वापस नहीं लेगा। एसोसिएशन के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि सरकार को भी इस हड़ताल से हमसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। सरकार एक तरफ काले धन को रोकना चाहती है, लेकिन ड्यूटी बढ़ाकर उसने बिना टैक्स दिए तस्करी करने वालों को बढ़ावा दिया है। पिछले 16 दिन में सरकार ने 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की एक्साइज ड्यूटी जोड़ने के लिए 450 से अधिक करोड़ रुपये की इन्कम का नुकसान कराया है, जो सरकार को कस्टम ड्यूटी के जरिये मिलता। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बिमल गोयल ने कहा कि सरकार ने कस्टम ड्यूटी के अलावा वैट से मिलने वाले 112 करोड़ रुपये का भी नुकसान किया है। ज्वैलर्स सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी को 4 से घटाकर 3 फीसदी करे। गैर ब्रांडेड गहनों पर से एक्साइज ड्यूटी हटाए जाने और 2 लाख रुपये की नकद बिक्री पर एक फीसदी टीसीएस के प्रावधान यानि 2 लाख नकद के गहने खरीदने पर 2000 रुपये को रद्द करे। सरकार चाहे आयात शुल्क या वैट बढ़ा दे, लेकिन ब्रांडेड ज्वैलरी को एक्साइज ड्यूटी से दूर रखे।
Anil Narendra, Daily Pratap, Gold Ornaments, Vir Arjun

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