Saturday 7 April 2012

अशोक गहलोत सरकार संकट में फंसी

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 7 April 2012
अनिल नरेन्द्र
कांग्रेस के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। आए दिन कोई नया खुलासा हो जाता है और कांग्रेस आलाकमान उससे जूझने में लग जाता है। अच्छी भली चल रही राज्य सरकार उसके लिए नया सिरदर्द पैदा कर देती है। अब आप राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का ही किस्सा ले लीजिए। अच्छी भली चल रही सरकार में अपनी ही पार्टी वालों ने अशोक गहलोत के लिए नई समस्या खड़ी कर दी है। देशभर में मिल रही सियासी पराजय के बाद अब राजस्थान में भी उसके विधायकों ने अपनी ही गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी है। पिछले कई दिनों से राजस्थान के करीब दो दर्जन विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। उनकी मांग है कि पार्टी हाई कमान तत्काल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी को राज्य की बागडोर सौंपे। इन विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल से मिलकर सरकार के खिलाफ शिकायत की। विधायकों ने कहा कि प्रदेश सरकार में उनकी कोई सुनवाई नहीं है। इससे विधायकों और कार्यकर्ताओं में निराशा पनप रही है। विधायकों ने आलाकमान को आगाह किया कि अगर समय रहते हालत में सुधार नहीं किया गया तो पार्टी को अगले चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इतना ही नहीं, अपने चहेते लोगों को खुली छूट दे रहे हैं जिससे एक तरफ भ्रष्टाचार को शह मिल रही है दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। असंतुष्ट विधायकों ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की और उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया है कि यदि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बने रहे और उन्हें तत्काल पद से नहीं हटाया गया तो करीब डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ-साथ उनका भी भट्ठा बैठ जाएगा। कहा जा रहा है कि असंतुष्ट विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है और अब यह आंकड़ा 60 तक पहुंच गया है जबकि 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 106 विधायक हैं। यहां यह भी गौरतलब है कि राहुल अपने घर तुगलका रोड के बजाय सोनिया गांधी निवास 10 जनपथ पर मिले लेकिन सोनिया उनसे नहीं मिलीं। इन असंतुष्ट विधायकों की नाराजगी पहले तो मंत्रियों के प्रति ही थी पर अब मुख्यमंत्री भी निशाने पर आ गए हैं। विधानसभा के बजट सत्र से पहले जयपुर में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी विधायकों की नाराजगी उभरी थी। बैठक में विधायकों ने मंत्रियों की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों से कहा था कि मंत्रियों की शिकायतें उनसे की जाएं और मुख्यमंत्री की ही कोई शिकायत है तो फिर कांग्रेस अध्यक्ष को बताई जाए। हमारा मानना है कि अशोक गहलोत एक अच्छे नेता हैं जिन पर व्यक्तिगत से कोई आरोप नहीं लगा। लगता है कि उन्हें अपना जनसम्पर्प और विधायकों से कम्युनिकेशन सुधारना होगा। उन्हें इस समस्या को खुद ही सुलटाना चाहिए। यह कांग्रेस हाई कमान की समस्या नहीं होनी चाहिए थी पर जब विधायकों की बात कोई सुनेगा ही नहीं तो उनके पास दिल्ली कूच के अलावा विकल्प क्या बचता है। कांग्रेस की आपसी लड़ाई कहीं पार्टी को राजस्थान में डुबा न दे।
Anil Narendra, Ashok Gehlot, Congress, Daily Pratap, Rajassthan, Vir Arjun

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