Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 14 April 2012
अनिल नरेन्द्र
दिल्ली नगर निगम चुनाव में वोटिंग से कुछ दिन पहले भाजपा को एक और झटका लग गया। पहले से ही भीतरघात झेल रही भाजपा की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही। प्रचार के अंतिम दौर में एमसीडी चुनाव हिंसक हो गया है। मंगलवार देर रात लालबाग इलाके में आजादपुर रेलवे प्लेटफार्म के पास चल रही भाजपा प्रत्याशी की चुनावी सभा में भाजपा कार्यकर्ता ही आपस में भिड़ गए। इसमें भाजपा कार्यकर्ता जेपी यादव को चाकू मार दिया गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। क्राइम एण्ड रेलवे के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त भैरों सिंह गुर्जर ने बताया कि पुरानी दिल्ली रेलवे थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर भाजपा प्रत्याशी माधव प्रसाद, उसके ड्राइवर मनोज उर्प पिन्की और अनिल यादव को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मनोज को एक दिन के रिमांड पर लिया है जबकि माधव प्रसाद और अनिल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं पुलिस ने दूसरे पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी वीरेन्द्र को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार माधव प्रसाद आजादपुर के संगम पार्प वार्ड नम्बर-71 से भाजपा प्रत्याशी है। मंगलवार रात करीब 11 बजे लालबाग कौशलपुरी रेलवे लाइन के पास झुग्गी बस्ती में माधव प्रसाद की चुनावी सभा चल रही थी, तभी विरोधी गुट के माने जाने वाले भाजपा के कुछ कार्यकर्ता आ गए। इसमें इस वार्ड के टिकट के दावेदार रह चुके जय प्रकाश यादव, वीरेन्द्र, बलराम और संतोष थे। कुछ ही देर में दोनों गुटों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इस दौरान जेपी यादव को चाकू मार दिया गया। झगड़े में मनोज भी घायल हो गया। पुलिस जेपी यादव को सुन्दर लाल जैन अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 308 के तहत मामला दर्ज किया है।
अब देखना यह है कि इस घटना का इलाके के मतदाताओं पर क्या असर पड़ता है। भाजपा के नेता अरुण जेटली ने इसे कानून व्यवस्था बताया है। उनका कहना है कि इसे लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए पर क्या जनता इसे महज कानून व्यवस्था का मामला मानने को तैयार है? इस घटना से पता चलता है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के करीब दो दर्जन नेता, पार्षद, उनके संबंधी बागी होकर चुनाव में कूदे हुए हैं तो पार्टी के नेता जगदीश ममगाई टिकट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए झंडा बुलंद किए हुए हैं। हत्याकांड की प्रतिक्रिया सोशल नेटवर्प पर भी दिखाई पड़ रही है। ट्विटर, फेसबुक पर इस हत्याकांड के खिलाफ लगातार कमेंट आ रहे हैं और अन्देशा जताया जा रहा है कि भाजपा जीत गई तो जनता के लिए और मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। हत्याकांड ने कांग्रेस को एक और प्रभावी मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि यह हत्या पार्टी की अंतर्पलह का नतीजा है। इसमें कानून व्यवस्था का कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल के अनुसार यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने टिकटों को लेकर धांधलेबाजी की है और अपराधी चरित्र के लोगों को टिकट देने में गुरेज नहीं किया। भाजपा को इस घटना ने कई झटके दे दिए हैं। कार्यकर्ता की जान चली गई है और पार्षद माधव प्रसाद जेल चले गए हैं। स्थानीय लोगों में मारे गए कार्यकर्ता के प्रति सहानुभूति है लेकिन साथ ही उन नेताओं के प्रति गुस्सा भी है, जो माधव प्रसाद को हटाने के लिए भड़काने में लगे थे। स्थानीय लोगों ने एक पर्चा भी निकाला है, जिसमें माधव को इंसाफ की मांग की गई है। पुलिस ने तफ्तीश के बाद माधव प्रसाद और अन्य को पकड़ा है। लेकिन माधव समर्थकों का कहना है कि मर्डर में माधव की कोई भूमिका नहीं है। यह कोई प्लांड मर्डर नहीं बल्कि अचानक हुई घटना है, जिसमें माधव का कोई रोल नहीं है। इसलिए पार्टी को माधव का साथ देना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आसपास की आठ-दस सीटों पर असर हो सकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा कि भाजपा में जिस तरह टिकटों की धांधलेबाजी हुई, जिस तरह से हत्या की यह घटना हुई है, उससे पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया है। पार्टी ने सवाल किया है कि भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार पार्षद को पार्टी से क्यों नहीं निकाला है, उसकी उम्मीदवारी क्यों नहीं खत्म की है? अब देखना है कि इस घटना का 15 अप्रैल को मतदान पर क्या असर पड़ता है?
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अब देखना यह है कि इस घटना का इलाके के मतदाताओं पर क्या असर पड़ता है। भाजपा के नेता अरुण जेटली ने इसे कानून व्यवस्था बताया है। उनका कहना है कि इसे लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए पर क्या जनता इसे महज कानून व्यवस्था का मामला मानने को तैयार है? इस घटना से पता चलता है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के करीब दो दर्जन नेता, पार्षद, उनके संबंधी बागी होकर चुनाव में कूदे हुए हैं तो पार्टी के नेता जगदीश ममगाई टिकट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए झंडा बुलंद किए हुए हैं। हत्याकांड की प्रतिक्रिया सोशल नेटवर्प पर भी दिखाई पड़ रही है। ट्विटर, फेसबुक पर इस हत्याकांड के खिलाफ लगातार कमेंट आ रहे हैं और अन्देशा जताया जा रहा है कि भाजपा जीत गई तो जनता के लिए और मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। हत्याकांड ने कांग्रेस को एक और प्रभावी मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि यह हत्या पार्टी की अंतर्पलह का नतीजा है। इसमें कानून व्यवस्था का कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल के अनुसार यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने टिकटों को लेकर धांधलेबाजी की है और अपराधी चरित्र के लोगों को टिकट देने में गुरेज नहीं किया। भाजपा को इस घटना ने कई झटके दे दिए हैं। कार्यकर्ता की जान चली गई है और पार्षद माधव प्रसाद जेल चले गए हैं। स्थानीय लोगों में मारे गए कार्यकर्ता के प्रति सहानुभूति है लेकिन साथ ही उन नेताओं के प्रति गुस्सा भी है, जो माधव प्रसाद को हटाने के लिए भड़काने में लगे थे। स्थानीय लोगों ने एक पर्चा भी निकाला है, जिसमें माधव को इंसाफ की मांग की गई है। पुलिस ने तफ्तीश के बाद माधव प्रसाद और अन्य को पकड़ा है। लेकिन माधव समर्थकों का कहना है कि मर्डर में माधव की कोई भूमिका नहीं है। यह कोई प्लांड मर्डर नहीं बल्कि अचानक हुई घटना है, जिसमें माधव का कोई रोल नहीं है। इसलिए पार्टी को माधव का साथ देना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आसपास की आठ-दस सीटों पर असर हो सकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा कि भाजपा में जिस तरह टिकटों की धांधलेबाजी हुई, जिस तरह से हत्या की यह घटना हुई है, उससे पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया है। पार्टी ने सवाल किया है कि भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार पार्षद को पार्टी से क्यों नहीं निकाला है, उसकी उम्मीदवारी क्यों नहीं खत्म की है? अब देखना है कि इस घटना का 15 अप्रैल को मतदान पर क्या असर पड़ता है?
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