Thursday, 19 April 2012

आखिर कौन है यह निर्मल बाबा?

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 19 April 2012
अनिल नरेन्द्र
लोगों की परेशानियों को दूर करने का दावा करने वाले निर्मल नरूला उर्प निर्मल बाबा आजकल सुर्खियों में हैं। गौरतलब है कि निर्मल बाबा झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद इन्दर सिंह नामधारी के साले हैं। सन् 1950 में जन्में निर्मल जीत सिंह सिख परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके एक पुत्र और पुत्री है। श्री नामधारी के मुताबिक उन्होंने निर्मल जीत की बहन से 1964 में विवाह किया था। उस समय निर्मल जीत की उम्र 14-15 साल थी। पटियाला के समाना गांव में रहने वाले निर्मल बाबा का परिवार 1947 में देश के बंटवारे के समय भारत आया था। बाबा शादी-शुदा हैं और उनके एक पुत्र और पुत्री है। निर्मल जीत सिंह नरूला उर्प निर्मल बाबा पर अब कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। मुजफ्फरपुर सहित मेरठ और भोपाल में बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। बाबा जी मुझे गाड़ी दिला दीजिए, बाबा जी मैंने जो विश मांगी है वह भी पूरी कर दीजिए। बाबा जी मेरा वर्प टार्गेट पूरा करने का आशीर्वाद दें। मुझे अच्छा घर दिला दें, अच्छी नौकरी दिला दें इत्यादि-इत्यादि कुछ इस प्रकार की फरमाइशें देश के 36 चैनलों पर सिर्प एक व्यक्ति (निर्मल बाबा) से पूरा करने को कहा जाता है। निर्मल बाबा के इंटरनेट पर 30 लाख से अधिक लिंक्स हैं। टीवी चैनलों पर विज्ञापन के माध्यम से बाबा की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। काला पर्स रखने के बाबा के टिप्स से उनकी बिक्री काफी बढ़ गई है। अकेले रांची में काले पर्स की बिक्री अब लगभग हर महीने 115 की हो रही है। 10 रुपये के नए नोट की गड्डी बाहर में 1200 रुपये में बिकने लगी है। बाबा के समागम में फर्जीवाड़ा ः पहले बुकिंग करानी पड़ती है, रजिस्ट्रेशन शुल्क 2000 रुपये प्रति व्यक्ति है, दो वर्ष के ऊपर के बच्चों का भी पूरा पैसा लगता है। समागम में हिस्सा लेने के लिए पंजाब नेशनल बैंक ने पे-फी का सिस्टम शुरू किया है ताकि प्रोसेस जल्द हो। इसके लिए चालान वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं। मुजफ्फरपुर के सदर थाने क्षेत्र प्रहलादपुर पताही निवासी वकील सुधीर ओझा ने बाबा पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में सीजेएम कोर्ट में आपराधिक मामला (धारा 420, 406, 295) दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बाबा ने अपने भक्तों से धर्म के नाम पर उनकी कमाई का 10 फीसदी हिस्सा प्रलोभन देकर लेने का काम किया। इससे बाबा ने लगभग 235 करोड़ रुपये अपने दो खातों में अर्जित कर लिए। कोर्ट ने शिकायत पर नोटिस लिया है। प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी रंजुला भारती को जांच का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को है। इसी तरह मेरठ और भोपाल में भी बाबा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। निर्मल बाबा के खाते में करोड़ों रुपये हैं। बात यह समझ नहीं आती कि बाबा ने एक साथ इतने सारे लोगों को बेवकूफ बनाया या फिर उनमें कोई ऐसी चमत्कारी शक्ति है जो लोगों को आकर्षित करती है? ऐसा नहीं लगता कि उन्होंने जबरन किसी से पैसे ऐंठे? लोगों ने स्वेच्छा से पैसे दिए। मामले की जांच शुरू हो गई है, देखें कि बाबा की असलियत क्या है?
Anil Narendra, Daily Pratap, Nirmal Baba, Vir Arjun

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