यह कलयुग है और कलयुग में जो कुछ हो रहा है उससे आदमी ज्यादा शॉक नहीं होता। दिल्ली की रेव पार्टियां अकसर चर्चा में रहती हैं। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती ही जा रही है। नशा करने के लिए वह अब किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं करते। सांप का जहर आजकल नशे का ताजा माध्यम बन गया है। सांप के जहर का लगातार पकड़ा जाना इशारा करता है कि युवाओं में इस नशे का केज किस कदर बढ़ रहा है। अब तक सांप का जहर पकड़े जाने के ज्यादातर किस्से मुंबई या गोवा की रेव पार्टियों में सुनने में आते थे। लेकिन पिछले एक महीने में दो बार दिल्ली में कोबरा जहर बरामद होना इस बात का सुबूत है कि दिल्ली की रेव पार्टियों में सांप के जहर की मांग कितनी बढ़ गई है। सब तरह के ड्रग्स के बाद आजकल सांप के जहर का सेवन हो रहा है। हालांकि इसकी जरा-सी ओवरडोज तुरन्त मौत का कारण भी बन सकती है। बावजूद इसके इस नशे का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। महज एक महीने में दो बार दिल्ली में सांप का जहर बरामद हुआ है। मेरठ से बस में रखकर लाया जा रहा आधा लीटर सांप का जहर दिलशाद गार्डन इलाके में पकड़ा गया। बस को रोककर की गई चैकिंग में जहर के अलावा एक अजगर और एक दो मुंह वाला सांप भी बरामद हुआ। जांच में पता चला कि इस जहर को चंडीगढ़ से मेरठ के रास्ते दिल्ली लाया जा रहा था। पीपुल्स फॉर एनिमल नाम की संस्था के अनुसार आधा लीटर जहर इकट्ठा करने के लिए करीब 100 सांपों का इस्तेमाल किया गया होगा। इससे पहले इतनी ही मात्रा में वैलेंटाइन डे के मौके पर आयोजित रेव पार्टियों के लिए भी जयपुर से लाए गए कोबरा जहर को बरामद किया गया था, तब जहर के अलावा स्नेक बाइट के लिए इस्तेमाल होने वाला एक किंग कोबरा और दो कोबरा सांप भी बरामद हुए थे। वैसे सांप के जहर का इस्तेमाल दवाओं में भी होता है। मेडिकल उद्योग में सांप के जहर को गोल्ड माइन के रूप में जाना जाता है। सांप के जहर को पहले दवाओं के लिए भी इकट्ठा किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल नशे के लिए होने लगा। ब्लड प्रैशर बढ़ाने, हार्ट अटैक, दिमागी बीमारियों से संबंधित दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कई तरह की दवाओं की रिसर्च में भी सांप के जहर का इस्तेमाल हो रहा है। सांप का जहर अब भी सपेरे ही इकट्ठा करते हैं। लेकिन नशे के लिए बेचे जाने पर ज्यादा कमाई होने के चलते इसकी पार्टियों में सप्लाई बढ़ती जा रही है। कोबरा जहर से होने वाले नशे का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्प एक बूंद इंजेक्शन में ली जाती है। थोड़ी-सी ओवरडोज से मौत हो सकती है। सांप के जहर के चलते सबसे पहले आदमी का दिमाग काम करना बन्द कर देता है, साथ ही लकवा मार जाता है। गले में सूजन के साथ ही दम घुट जाता है। इंसान की किडनी भी फेल हो जाती है वहीं ब्लड प्रैशर तेजी से गिरने के साथ मुंह और नाक में से खून निकलने लगता है। इन सब बातों के चलते नशा करने वाला या सांप के काटे की पलों में मौत हो जाती हैं। हालांकि बताया जाता है कि इंजेक्शन से सांप का जहर लेने वाले आदी हो जाने पर जीभ पर स्नेक बाइट लेने लगते हैं। तीन-चार बार काटने के बाद कोबरा की भी मौत हो जाती है। लिहाजा कोबरा बाइट के लिए 50 हजार से एक लाख रुपये तक कीमत ली जाती है।
Anil Narendra, Daily Pratap, Drugs, Rev Party, Vir Arjun
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