Thursday 26 April 2012

...और फिर पड़ी फूट टीम अन्ना में

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 26 April 2012
अनिल नरेन्द्र
टीम अन्ना में फूट पड़ चुकी है। टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक में रविवार को जमकर हंगामा हुआ। रविवार को नोएडा के सेक्टर-43 में टीम की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक का एजेंडा था आंदोलन की रणनीति तैयार करना। इसमें बाबा रामदेव के साथ साझा आंदोलन पर भी चर्चा होनी थी। टीम अन्ना की कोर कमेटी की इस अहम बैठक में अरविन्द केजरीवाल, प्रशांत भूषण, किरण बेदी, एकमात्र मुस्लिम चेहरा मौलाना शमून कासमी, गोपाल राय, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास मौजूद थे। रामदेव के साथ आंदोलन के सवाल पर किरण बेदी कहाöजब बुरे लोग साथ आ सकते हैं तो अच्छे लोग क्यों नहीं? इस पर कासमी ने कहा कि महत्व कम होने की आशंका केजरीवाल को है। इसलिए आपत्ति उन्हें ही ज्यादा है। बहस चल ही रही थी कि कोर कमेटी के सदस्य गोपाल राय की नजर शमून कासमी पर गई। वे मोबाइल पर बातें कर रहे थे, राय ने कासमी से मोबाइल मांगा, अलग कमरे में जाकर चैक करने पर बैठक की उपलिकिंग मिली। प्रशांत भूषण ने कासमी से पूछा कि आखिर आपने ये रिकार्डिंग क्यों की? इस पर कासमी चुप रहे। भूषण ने उन्हें टीम से हटने और बैठक से बाहर जाने को कहा। कासमी बिना किसी प्रकार की सफाई दिए शाम 4 बजे बैठक से उठकर चले गए। कुमार विश्वास ने बाद में कहा कि कासमी बैठक का ऑडियो रिकार्ड करते रंगे हाथों पकड़े गए हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि सभी रिकार्ड करने की कोई खास वजह नहीं बता पाए। अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि अग्निवेश की तरह रंगे हाथों पकड़े गए कासमी। शाजिया इल्मी ने कहा कि विश्वासघात करने पर टीम से हटा दिया गया है। उधर मौलाना शमून कासमी ने कहा कि मैं शुरुआत से ही आंदोलन से जुड़ा रहा हूं। केजरीवाल अन्ना का इस्तेमाल कर रहे हैं। आंदोलन मुस्लिम विरोधी हो रहा है। एक मुस्लिम को ये देखना नहीं चाहते। अन्ना हजारे भी कसम खाने लगे हैं अब। कोर कमेटी की बैठक में जो हुआ, वह पहले से ही तय था। उन्होंने कहा कि अन्ना का आंदोलन राजनीति और सांप्रदायिकता का शिकार हो गया है। वे खुद ही कोर कमेटी छोड़ रहे हैं। कासमी ने टीम अन्ना के कई सदस्यों पर सनसनीखेज आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कोर कमेटी की बैठक में अरविन्द केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच जोरदार झड़प हुई। विश्वास पर राज्य सरकार की दलाली का आरोप लगाया गया। खुद अन्ना ने केजरीवाल के हिमाचल दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत भूषण और कुछ अन्य सदस्य चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि केजरीवाल ने इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार करते हुए कहा कि निकाले जाने की वजह से कासमी इस तरह की अनर्गल बात कर रहे हैं। अन्ना के आंदोलन में भीतरघात का यह दूसरा मौका है। इससे पहले पिछले साल जब जन लोकपाल आंदोलन चरम पर था, उसी दौरान स्वामी अग्निवेश पर भी सरकार के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था। कासमी और अग्निवेश के अलावा पीवी राजगोपाल और जल पुरुष राजेन्द्र सिंह भी टीम अन्ना से अलग हो चुके हैं। दुःख से कहना पड़ता है कि अन्ना हजारे की चमक दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है, वह बात नहीं रही।
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