Wednesday 30 November 2016

13 मिनट में 12 लोगों ने आतंकियों और गैंगस्टरों को छुड़ाया

अभी मध्य प्रदेश के भोपाल में सिमी से जुड़ी आठ कैदियों के केंद्रीय जेल से भागते हुए मुठभेड़ में मारे जाने की खबर फीकी भी नहीं पड़ी थी कि पंजाब के नाभा में जेल पर हमला कर एक खूंखार आतंकवादी सरगना समेत कुछ खतरनाक अपराधियों को छुड़ा लेने की सूचना चौंकाने वाली है। रविवार सुबह 12 लोगों ने नाभा की जेल पर हमला किया। दो खालिस्तानी आतंकवादियों और चार गैंगस्टरों को छुड़ा ले गए। वह भी 13 मिनट में। छह हमलावर पुलिस की वर्दी में आए, उन्होंने 100 राउंड फायरिंग की पर जेल गार्ड्स ने जवाब में एक भी गोली नहीं चलाई। सुबह से फॉर्च्यूनर कार समेत दो गाड़ियां जेल के सामने खड़ी थीं। इनमें ड्राइवर भी थे। तीन अन्य कारें गेट से थोड़ी दूर थीं। 8.30 बजे एक कार मेन गेट पर आई। सब इंस्पेक्टर की वर्दी में बैठे लोगों को देख गार्ड ने गेट खोल दिया। अंदर पहुंचते ही हमलावरों ने बैरकों के गेट पर गार्ड से चाबी मांगी। मना करने पर धारदार हथियारों से गार्ड को जख्मी कर दिया। चाबी छीनकर फायरिंग शुरू कर दी। शोर सुनते ही जेल के अंदर से छह कैदी गेट पर पहुंचे। फायरिंग से घबराए सुरक्षाकर्मी छुप गए। किसी ने भी जवाबी फायरिंग नहीं की। जेल के बाहर निकले आरोपियों में से एक ने फॉर्च्यूनर में बैठे ड्राइवर को डिक्की खोलने को कहा। इसमें हथियारों का जखीरा था। एक हमलावर ने रजाई में लिपटे हथियार कैदियों को दिए। सब कार में बैठकर फायरिंग करते हुए भाग निकले। डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर रेलवे फाटक बंद मिला तो वापस लौटकर जेल के सामने से ही निकल गए। चिन्ता का विषय यह है कि हमारी अतिसुरक्षित जेलों का यह हाल है तो बाकियों का क्या हाल होगा? यह उस जेल का हाल है, जहां खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सरगना हरमिंदर सिंह मिंटू कैद था। मिंटू के चूंकि कुख्यात पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से रिश्ते रहे हैं, ऐसे में उसकी फरारी को पाकिस्तान की साजिश से जोड़कर देखना स्वाभाविक है, पर इससे जेलों की सुरक्षा के मामले में हमारी कमजोरियां नजरअंदाज नहीं की जा सकतीं। जेल से आतंकियों के फरार होने की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक कैदियों के जेल से भागने के मामले में पहले नम्बर पर राजस्थान की जेलें हैं, जहां सबसे ज्यादा कैदी भागते हैं। दूसरा नम्बर मध्य प्रदेश का है। नवम्बर के शुरुआत में आई इस रिपोर्ट में दिल्ली के लिए काफी राहत की बात है क्योंकि इसके मुताबिक राजधानी में 2001 से अब तक कोई कैदी जेल से फरार नहीं हुआ। यह थोड़ा संतोष की बात है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरमिंदर सिंह मिंटू को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी फरार कैदियों को जल्द से जल्द शिकंजे में कसने का काम तो होना ही चाहिए, लेकिन जेल सुधार के मोर्चे पर अब अविलंब ध्यान देना होगा। उम्मीद की जाती है कि नाभा में हुई इस चूक से जेलों की सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने का अवसर मिलेगा।

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