Wednesday, 9 November 2016

अंधेरे से उजाले की ओर ः कमजोर होता आतंकवाद

एक ओर पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सैनिकों की सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकियों के हौसले टूटे हैं तो दूसरी तरफ इराक-सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) कमजोर पड़ने लगा है। हालांकि आतंकवाद के खिलाफ यह जंग काफी लंबी चलने वाली है। अभी कई आतंकी संगठनों और उनके आकाओं का खात्मा करना होगा। पहले बात सीरिया-इराक में आईएस की करते हैं। आईएस के पांव उखड़ रहे हैं। इन दिनों आईएस के एक बड़े अड्डे मोसुल पर इराकी सेना की आखिरी जंग लड़ी जा रही है। इराकी-कुर्द सैनिकों ने अमेरिकी वायुसेना की बमबारी की मदद से आईएस के पांव उखाड़ दिए हैं। अब मुश्किल से बगदादी के कब्जे में 28 प्रतिशत इलाका रह गया है। भागते आईएस के आतंकियों ने तेल के कुओं में आग लगा दी है और खुद बगदादी मोसुल से भाग गया है। इस समय 67 देशों की सेना आईएस के खिलाफ लड़ रही है। भारत ने 25 देशों में आईएस और आतंकवाद के खिलाफ नेटवर्प तैयार कर लिया है। इधर जम्मू-कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चाहे जितना भी शोर मचा हो, लेकिन आतंकी गतिविधियों को समर्थन दे रहे पाकिस्तान को सबक सिखाने में भारत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। पिछले दिनों भारत ने बिना नियंत्रण रेखा पार किए पाकिस्तान की चार चौकियों को गोलाबारी से तबाह कर दिया। इसमें तीन दर्जन से ज्यादा पाकिस्तानी फौजियों के मारे जाने की सूचना है। पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की 18 कोशिशों को भी हमारे बहादुर जवानों ने नाकाम कर दिया है। पिछले माह कुपवाड़ा में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने के लिए कई सालों बाद भारी तोपों का भी इस्तेमाल किया। इसी कार्रवाई में तोपों से पाकिस्तान की चार चौकियों को उड़ाया गया। इस कार्रवाई में 40 पाक सैनिक भी मारे गए थे। 13 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत ने पाक के खिलाफ तोपों का इस्तेमाल किया। गौरतलब है कि वर्ष 2003 में भारत-पाक के बीच शांति समझौता हुआ था। इस शांति समझौते के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के जवान के शव को क्षत-विक्षत करने का बदला लेने के लिए ऐसा किया गया। गौरतलब है कि 28 अक्तूबर को कश्मीर के माछिल सैक्टर में घुसपैठ कर रहे आतंकियों से मुठभेड़ में आर्मी के एक जवान मनदीप सिंह शहीद हो गए थे। आतंकियों ने शहीद मनदीप सिंह का सिर काट दिया था। इस दौरान पाक सेना की पोस्ट से आतंकियों को कवर फायर दिया जा रहा है। इधर घाटी में भी स्थिति बदली है। सुरक्षा बलों का कहना है कि बुरहान वानी की मौत के बाद से हर रोज 60 से 65 हिंसा और संघर्ष की घटनाएं हो रही थीं। लेकिन अब यह घटकर छह से आठ घटनाओं तक सिमट गई है। पिछले एक-दो हफ्ते में स्थिति काफी बदली है। सुरक्षा बलों और सेना का नियंत्रण बढ़ा है। सूत्रों का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक और भारतीय सेना द्वारा करारी जवाबी कार्रवाई का असर हुआ है। बारामुला सहित कई इलाकों में हथियार जब्त किए गए हैं। सैकड़ों लोगों की धरपकड़ की गई है। इसके चलते घरों में आतंकियों को पनाह देने वाले अब कतरा रहे हैं। दबाव में हथियार पकड़ने और पत्थरबाजी करने वाले लोग भी धीरे-धीरे सुस्त पड़ रहे हैं। सुरक्षा बल स्थानीय आतंकियों को हथियार छोड़ने पर बचाव का मौका भी दे रहे हैं। हुर्रियत की अपील का अब असर दिनोंदिन कम हो रहा है। दक्षिण कश्मीर में भी अब अवाम अलगाववादियों के हड़ताली कैलेंडर का पहले जैसा पालन नहीं कर रही है। बच्चों को वापस स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। धीरे-धीरे ही सही घाटी में जनजीवन सामान्य होता जा रहा है। आतंकवाद कुल मिलाकर भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में कमजोर हो रहा है।

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