Thursday, 3 November 2016

बाज नहीं आने वाले दिल्लीवासी

इस साल उम्मीद की जा रही थी कि शायद पटाखे, बम इत्यादि कम छोड़े जाएंगे और दिल्ली की आबोहवा इतनी पदूषित नहीं होगी। पर ऐसा नहीं हुआ। राजधानी में दिवाली पर पदूषण का स्तर पिछले साल के मुकाबले ज्यादा रहना इस बात का सबूत है कि दिल्ली वाले पटाखे जलाने को लेकर जागरुक नहीं हुए हैं। खुद की सेहत से खिलवाड़ करने पर आमादा हैं। इस दिवाली पर राजधानी में पदूषण के बीते तीन सालों का भी रिकार्ड टूट गया जबकि गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी सामान्य से छह गुणा अधिक पदूषण दर्ज किया गया। नोएडा और गाजियाबाद में भी वायु पदूषण सामान्य दिनों के मुकाबले करीब तीन गुणा ज्यादा दर्ज किया गया। इस पदूषण के चलते सोमवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के कई स्थानों पर दृश्यता 100 से 200 मीटर के बीच दर्ज हुई। हालात इस कदर बेकाबू रहे कि दिल्ली के अधिकांश हिस्से में रात 2 बजे तक पटाखें की आवाज गूंजती रही। कहीं से भी किसी कार्रवाई की बात सामने नहीं आई। इससे साफ है कि सुपीम कोर्ट के रात 10 बजे के बाद पटाखों को जलाने पर पाबंदी को अमल में लाने के लिए पशासन की ओर से कोई पहल नहीं हुई। दिवाली पर दिल्ली में पदूषण स्तर में करीब 21 गुणा वृद्धि होने के बाद केन्द्र ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर पदेश को समन भेजा है। 4 नवम्बर को इन राज्यों के संबंधित सचिवों को पराली जलाने पर पतिबंध को पभावी रूप से  लागू के संबंध में बुलाया गया। मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली और आसपास खुले में ठोस कचरा जलाना, दिल्ली में वाहनों के ईंधन से उत्सर्जन, राष्ट्रीय राजधानी में सड़क किनारे तथा निर्माण कार्य से धूल और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना पदूषण बढ़ने के पमुख कारण हैं। इन सब के बीच यह नहीं भूलना चाहिए कि पर्यावरण को साफ रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। हर जगह दिवाली के दौरान पटाखे न जलाने की अपील की जा रही थी तो क्या दिल्ली वालों को इसका एक बार भी ख्याल आया कि वह जो कर रहे हैं उससे  सभी की सेहत पभावित होती है। लगता है उन्हें इस बात की परवाह भी नहीं कि सुबह जब वह सैर करने निकलें तो उन्हें स्वच्छ हवा मिले? क्या उन्हें याद नहीं कि पदूषण की वजह से 80 लोगों की रोजाना जान जाती है? क्या वे दिल्ली हाईकोर्ट की उस टिप्पणी को भूल गए कि पदूषण की वजह से लोगों की आयु पांच वर्ष कम हो रही है। हां, एक संतोष जरूर रहा कि इस दिवाली, दशहरे के सीजन में दिल्ली पुलिस की भूमिका सराहनीय रही, कोई भी आतंकी घटना नहीं हुई।  और चाइनीज पोडक्ट की बिकी में 60 पतिशत कमी आई। इस दिवाली पर जवानों की बहादुरी पर बहुत से लोगों ने सलाम किया।
-अनिल नरेन्द्र


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