Thursday, 17 November 2016

अगर किसान तुरंत बीज, डीजल, कीटनाशक न खरीद सका तो?

शहरों में तो 500 और 1000 रुपए के नोटों के बंद होने से हम बैंकों में लम्बी-लम्बी लाइनों को देखकर परेशान हो रहे हैं पर हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का कितना बुरा हाल हो रहा है इस पर सरकार को अविलम्ब ध्यान देना चाहिए और किसान की समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकलना चाहिए। कहीं ऐसा हो कि निकट भविष्य में देश में खाने के लाले पड़ जाएं और अकाल की स्थिति पैदा जाए। पांच सौ और एक हजार के नोट बंद होना किसानों और उनकी खेती पर दूरगामी असर डाल सकता है। खरीफ सीजन  की उपज की बिकी और रबी फसलों की बुआई पभावित होने की आशंका है। नकदी संकट में अगर सुधार जल्द हुआ तो किसानों की मुसीबत बढ़ सकती है। एक तो ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बैंकों की कमी है, दूसरा अधिकतर किसान बैंकों में पैसा नहीं रखते ही वह केडिट कार्ड इस्तेमाल करने पर विश्वास करते हैं। इन सबके ऊपर ग्रामीण क्षेत्रों में नए नोटों की कम आपूर्ति कृषि गतिविधियों को पभावित कर सकती है। किसान को रबी फसल की बुआई करनी है। उसके लिए उसे खाद, बीज, बिजली, पानी इत्यादि जरूरी सामान की आवश्यकता है। उसके पास नए नोट हैं नहीं और पुराने कोई लेने को तैयार नहीं वह कहां से बीज लाएगा? अगर रबी की फसल बोई गई तो वह खाएगा क्या? आगे चलकर धान की खेती करनी है वह भी पभावित होगी। इसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक कई-कई किलो मीटर दूर हैं। क्या किसान अपनी कटी फसल की आई रकम को मीलों-मील दूर बैंक में जमा कराने का जोखिम उठा सकता है? फिर ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में नकदी नोटों की आपूर्ति बहुत कम हो रही है। पिछले एक हपते से बैंकों के एटीएम खाली चल रहे हैं। जबकि बैंकों में अपने पुराने नोटों  को नए नोटों से बदलने के लिए लम्बी-लम्बी कतारें लग रही हैं। पतापगढ़ के किसान का कहना है कि शादी और अन्य अवसरों पर होने वाले खर्च की मुश्किल पैदा हो गई है। बाकी खेती के लिए खाद, बीज और कीटनाशकों की आपूर्ति को-आपरेटिव सोसायटी से हो रही है या दुकानदार उधारी पर कितने दिन देगा? मऊ के एक किसान ने बताया कि धान की खरीद करने वाले व्यापारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। नकदी होने से भुगतान के लिए दो से तीन सप्ताह का समय मांग रहे हैं। सब्जी मंडियों में किसान की उपज की मांग कम होने से उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उपज बिकने के बाद नकदी के भुगतान का संकट भाड़ी  पड़ रहा है। इस समय किसान को नकदी की सख्त जरूरत है जिससे किसान डीजल, खाद, बीज, दवा और मजदूरों का भुगतान कर सकें। हमें समझ नहीं रहा है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किसान की समस्या का क्या समाधान कर रही है? किसानों की अकेली समस्या नहीं है इससे पूरे देश के खाद्यान्न का भविष्य जुड़ा हुआ है।

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