Saturday 12 September 2015

सऊदी अरब के राजनयिक पर दुष्कर्म का मुकदमा

भारत में सऊदी अरब के राजदूत के सचिव (प्रथम) पर दो घरेलू सहायिकाओं को दिल्ली से सटे गुड़गांव के एक फ्लैट में कथित रूप से बंधक बनाकर रखने और बलात्कार करने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप लगाने वाली दो नेपाली महिलाओं ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। उनकी शिकायत पर सचिव, उनकी पत्नी और दो बेटियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। बुधवार को पीड़ित लड़कियों का दोबारा मेडिकल कराया गया। पुलिस ने सऊदी राजनयिक के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौनाचार, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। बताया जा रहा है कि मामला एक विदेशी दूतावास से जुड़े होने की वजह से पुलिस ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर घटनाक्रम की जानकारी दे दी है। पीड़ित युवतियों का बयान कोर्ट में दर्ज कराने के बाद मामले की जानकारी नेपाली दूतावास को भी दे दी गई है। दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे स्थित कैटरीना अपार्टमेंट में सऊदी अरब दूतावास से जुड़े लोग रहते हैं। यहां बंधक बनाई गई दो लड़कियों को पुलिस ने एनजीओ के साथ मिलकर मुक्त कराया। पीड़ित लड़कियों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि उन्हें घरेलू कामकाज के लिए बुलाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन उन्होंने हमारे साथ खतरनाक चीजें कीं और हमें मारने की धमकी दी गई और चाकू दिखाया गया। उधर आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हमने गुड़गांव पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। एक बार मंत्रालय को पूरी जानकारी मिल जाए, उसके बाद आगे क्या करना है यह फैसला किया जाएगा। सऊदी अरब दूतावास के सचिव की विकृत मानसिकता का जैसा ब्यौरा सामने आया है, वह न सिर्प एक आपराधिक करतूत है बल्कि उससे पता चलता है कि कोई अधिकारी राजनयिक संरक्षण यानि डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी का किस कदर लाभ उठाने की व दुरुपयोग करने की कोशिश करता है। खबर के मुताबिक कुछ समय पहले नेपाल में भूकंप में सब कुछ तबाह हो जाने के बाद वहां की दो महिलाएं रोजी-रोटी की तलाश में भारत आईं। एक प्लेसमेंट एजेंसी ने नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें सऊदी अरब भेज दिया, फिर दिल्ली में लाकर बेच दिया, फिर संबंधित राजनयिक के घर में  पहुंच गई दोनों महिलाओं से न केवल बेरहमी से घरेलू काम कराए जाते बल्कि उनके साथ लगातार बलात्कार किया जाता रहा। यहां तक कि राजनयिक उन्हें घर में आने वाले दूसरे लोगों के हवाले भी करता रहा। आरोपों पर सऊदी दूतावास ने बयान जारी कर उन्हें गलत बताया और सभी कूटनीतिक समझौतों के खिलाफ एक राजनयिक के घर में पुलिस के घुसने का विरोध किया। बयान के अनुसार विदेश मंत्रालय में संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में इस बात को लाया गया है कि जांच पूरी होने से पहले मीडिया ब्रीफिंग अनुचित है। भारत में सऊदी अरब के राजदूत सऊद मोहम्मद अल्साती ने विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों से मिलकर विरोध जताया।
-अनिल नरेन्द्र


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