राजधानी दिल्ली में गुच्छों में मिले कोरोना वायरस संक्रमण
के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में एक ही दिन में 380 मामले सामने आए हैं। पश्चिमी दिल्ली
के कापसहेड़ा में एक ही इमारत से 41 कोरोना मरीज के सामने आने
से हड़कंप मचना स्वाभाविक ही है। डीसी ऑफिस से सटे ठेके वाली गली में स्थित सोनू यादव
के मकान में 175 लोग रहते हैं। हॉटस्पॉट घोषित होने के बाद भी
इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित मिलने से प्रशासन चिंतित है। कापसह़ेड़ा के इस मकान
में पहला केस 18 अप्रैल को सामने आया था। इस मकान को सील कर हॉटस्पॉट
घोषित कर दिया गया था। इस मकान में रहने वाली एक गर्भवती महिला 18 अप्रैल को संक्रमित मिली थी। इसके बाद पूरी इमारत को सील कर दिया गया था। इलाके
में रहने वाले 175 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। 13
दिनों के बाद शनिवार को 67 लोगों की रिपोर्ट आई,
जिसमें 41 लोग संक्रमित पाए गए हैं। राहत की बात
यह है कि सभी संक्रमित एक ही इमारत में रहते हैं। इससे संभावना जताई जा रही है कि संक्रमण
इमारत से बाहर नहीं फैला है। बावजूद इसके एहतियात के तौर पर फिर से इलाके के लोगों
के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने का फैसला किया गया है। दरअसल टेस्ट बढ़ने के साथ भारत
में कोरोना के केस भी बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में 2411
केस सामने आए हैं, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए
अलर्ट की तरह है। देश में शनिवार तक 9,76,363 टेस्ट किए जाने
पर भारत में 37,776 कोरोना रोगियों का पता लगा है। एक महीने पहले
यानि एक अप्रैल की तुलना करें तो तब एक दिन में 376 केस सामने
आए थे, लेकिन यह भी जानना होगा कि तब प्रतिदिन 5578 टेस्ट ही किए जा रहे थे। अब 50 हजार से ज्यादा टेस्ट
प्रतिदिन किए जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट देरी से आने से भी समस्या बढ़ रही है। कापसहेड़ा
में भी सैंपल लेने के 13 दिनों के बाद जांच रिपोर्ट आई है। इस
तरह की देरी से संक्रमित लोगों के सम्पर्प में ज्यादा लोगों के आने से खतरा बना रहता
है। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से मामले तेजी से बढ़े हैं। इसलिए सरकार के साथ आम
जनता को भी सतर्प रहना होगा। इसीलिए सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। दिल्लीवासियों
को लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन करना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग
का ख्याल रखना होगा, मास्क पहनना होगा, घरों में रहना चाहिए और थोड़ा-सा भी संदेह होने पर तुरन्त
जांच के लिए आगे आना चाहिए।
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