Saturday 2 May 2020

मुंबई की झुग्गी-बस्तियां बन रही हैं चुनौती

मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के प्रयासों के लिए शहर की झुग्गी-बस्तियां बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं, जिनमें एक करोड़ 20 लाख की कुल आबादी वाले शहर की बड़ी जनसंख्या बेहद छोटी जगहों एवं अस्वच्छ परिस्थितियों में रहती है। सपनों की नगरी कहे जाने वाले इस शहर में जहां एक ओर बड़ी संख्या में अरबपति रहते हैं, वहीं दूसरी ओर यहीं एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी भी है, जो कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित है। धारावी करीब 2.4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, लेकिन इतने से क्षेत्र में 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं। टाटा समूह के मानद अध्यक्ष रतन टाटा ने एक संगोष्ठी के दौरान डेवलपरों और वास्तुकारों द्वारा शहर में मौजूद झुग्गी-झोंपड़ियों के साथ अवशेष की तरह सलूक करने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कोरोना महामारी के तेजी से फैलने की एक बड़ी वजह इन झुग्गी-बस्तियों को भी बताया था। उन्होंने कहा थाöसंकरे आवास और झुग्गियों का उन्मूलन आश्चर्यजनक रूप से दो परस्पर विरोधी मुद्दे हैं। हम लोगों को अनुपयुक्त हालात में रहने के लिए भेजकर झुग्गियों को हटाना चाहते हैं। इन लोगों को जहां रहने की जगह दी जाती है वह भी शहर से 20-30 मील दूर होती है और अपने स्थान से उखाड़ दिए गए इन लोगों के पास कोई काम नहीं होता है। उन्होंने कहा था कि लोग महंगे आवास वहां बनाते हैं, जहां कभी झुग्गियां होती थीं। इस महानगर में कोरोना संक्रमण के 10,498 से ऊपर मामले सामने आ चुके हैं जिसमें 450 से ऊपर लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र सरकार कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है, लेकिन इन झुग्गी-बस्तियों में 100 से 200 वर्ग फुट के कमरों में आठ से दस लोग साथ रहते हैं। कई परिवारों का शौचालय एक ही है और वह पानी के लिए एक ही नल का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्य नगर नियोजक वीके पाठक ने कहाöनीतिगत विफलता और नेताओं एवं डेवलपरों की कभी न समाप्त होने वाली आकांक्षाओं के कारण शहर झुग्गी-बस्ती से मुक्त नहीं हो पा रहा है और आज यह इलाके कोरोना संक्रमण फैलने का स्रोत बन गए हैं। रियल एस्टेट डेवलपरों के निकाय नारेड़की एस्टेट डेवलपरों के निकाय नारेड़की के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीराचंदानी ने भी स्वीकार किया कि मुंबई के लिए उचित शहरी योजना कभी भी नहीं बनाई गई। इन झुग्गियों में कोरोना संक्रमण रोकना बहुत बड़ी चुनौती है।

-अनिल नरेन्द्र

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