जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से जारी आतंकवादी गतिविधियों का करारा जवाब देते
हुए हमारे सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष कमांडर और पोस्टर ब्वॉय रियाज
नायकू समेत कुछ आतंकियों को जिस तरह मार गिराया है, वह वाकई एक
बड़ी सफलता है। दरअसल कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की व्यस्तता
का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश में पड़ोसी पाकिस्तान न केवल संघर्षविराम का लगातार
उल्लंघन करता रहा है, बल्कि हाल के दिनों में घाटी में बड़ी आतंकवादियों
की सक्रियता भी उसकी नापाक मंशा के बारे में भी बताती है। विगत रविवार को हंदवाड़ा
में आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल आशुतोष शर्मा समेत पांच जवान शहीद हो गए थे। इसका
सही जवाब देते हुए हमारे सुरक्षा बलों ने रियाज नायकू को ठिकाने लगाकर हिजबुल की रीढ़
तोड़ दी है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसका असर कश्मीर में तो पड़ेगा ही देश के आतंकवाद
पर भी पड़ेगा। बुरहान वानी समूह का नायकू जुलाई 2017 से हिजबुल
के शीर्ष नेतृत्व की भूमिका में था। बुरहान वानी की तरह ही आतंकियों के लिए पोस्टर
ब्वॉय बन गया था। ऑडियो-वीडियो में अपनी बात रखने के उसके तरीकों
से युवा आतंकवाद की ओर आकर्षित होते थे। उसके नाटकीय अंदाज से लोगों को लगता था कि
वह उनके लिए लड़ रहा है। इस कारण उसने अपने प्रत्यक्ष तथा परोक्ष समर्थक भी पैदा कर
लिए थे। वह ऐसा आतंकवादी था जिसने पुलिस वालों के परिवारों के अपहरण से लेकर उनकी हत्या
को अपनी मुख्य रणनीति के तौर पर अपनाया था। उसने आह्वान किया कि जम्मू-कश्मीर के लोग पुलिस की नौकरी छोड़ दें। ऐसा न करने पर उसने अभियान चलाया।
यही वजह है कि उसकी मौत प्रदेश की पुलिस के लिए राहत की सांस लेने व जश्न मनाने का
कारण बन गया है। जिस तरह से उसे उसके पैतृक गांव में ही घेर कर मारा गया उससे यह भी
पता चलता है कि सुरक्षा बलों का खुफिया तंत्र पहले से बेहतर हुआ है। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष
(सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि
सुरक्षा बलों की प्राथमिकता है आतंकी कमांडरों को चुन-चुनकर खत्म
करना। बेशक यह हमारे सुरक्षा बलों की भारी सफलता है और कर्नल आशुतोष शर्मा व उनके साथियों
का बदला है पर हमारी चौकसी पहले से भी ज्यादा होनी चाहिए। बर्प पिघलने लगी है और घुसपैठ
बढ़ेगी। इस शानदार उपलब्धि पर सुरक्षा बलों को बधाई।
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