Thursday, 7 May 2020

कई देश अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ढील देंगे

दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन खत्म करने के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद तेज हो गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी, जापान जैसे देशों में ढील के साथ चीन और पहले से छूट पा रहे यूरोपीय देशों को शामिल कर लें तो 4 मई से करीब आधी दुनिया दौड़ने लगेगी। चीन के ज्यादातर क्षेत्रों में पहले ही आर्थिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क जैसी पाबंदियां हर देश में लागू रहेंगी। हालांकि कुछ देशों ने अभी प्रतिबंध बरकरार रखने का फैसला किया है। अमेरिकी राज्यों में लॉकडाउन 17 से 24 मार्च के बीच लागू हुआ था। अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहाöमुझे बताया गया कि 35 राज्यों ने दोबारा कामकाज शुरू करने के लिए औपचारिक योजनाएं जारी कर दी हैं। टेक्सास, टेनेसी जैसे राज्यों में लॉकडाउन शुक्रवार को खत्म हो गया। फ्लोरिडा, अरांकसास के साथ कैलिफोर्निया के कुछ क्षेत्रों ने 4 मई के बाद खुलने के संकेत दिए हैं। जॉर्जिया, ओक्लहोमा ने ढील दी है। हालांकि एरिजोना, कनेकटिकर, डेलावेयर, इलिनॉयस, मैसाच्यूसेट्स जैसे प्रांत 15 मई के पहले खुलने के आसार नहीं हैं। जर्मनी में भारत की तरह 24 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ था। 4 मई से चर्च, लाइब्रेरी, जू, खेल के मैदान जैसे सार्वजनिक संस्थान खुल गए हैं। 6 मई से बार, पब और होटल भी खुल सकते हैं। आर्थिक गतिविधियां पिछले हफ्ते ही शुरू हो चुकी हैं। स्पेन में चरणबद्ध तरीके से ढील शुरू होगी। पहले हफ्ते के पहले चरण में सैलून, मरम्मत की सेवाएं, भोजन की होम डिलीवरी आदि शुरू होंगी। छोटे कारोबार और होटल 11 मई से खुलेंगे। मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासिन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि 4 मई से आर्थिक क्षेत्र खोला जाएगा। 18 मार्च से लागू छह हफ्तों का लॉकडाउन भी उसी दिन से हटेगा। मलेशिया दक्षिण पूर्व एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। अधिकतम 10 सदस्यों से जुड़े हर तरह के आयोजन भी हो सकेंगे। जापान और ब्रिटेन में लॉकडाउन फिलहाल बढ़ाया गया है, फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्डो फिलिप ने कहा है कि आर्थिक पाबंदियां 11 मई से खत्म होंगी। देश में हर हफ्ते 7 लाख टेस्ट करने की क्षमता होगी। समुद्र तट, रेस्तरां-कैफे एक जून तक नहीं खुलेंगे। देश में 17 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ था और 15 दिन का तीसरा लॉकडाउन पूरा होने वाला है।

-अनिल नरेन्द्र

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