Tuesday 12 July 2016

चौतरफा हिंसा से अमेरिका में गृहयुद्ध-सी स्थिति

जैसे-जैसे अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव करीब आता जा रहा है अमेरिका की अंदरूनी हालत बद से बदतर होती जा रही है। आज यह स्थिति बन गई है कि अमेरिका के अधिकतर राज्य हिंसा की चपेट में हैं। कुछ राज्यों में तो लगभग गृहयुद्ध की स्थिति बन गई है। अमेरिका के टेक्सास राज्य में बृहस्पतिवार रात को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान स्नाइपरों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। हमले में सात लोग घायल हो गए जबकि एक हजार से भी ज्यादा लोगों को चोटें आईं। हमले का मुख्य संदिग्ध पुलिस के हमले में मारा गया। शुक्रवार को तो पुलिस ने अमेरिकी संसद तक को बंद कर दिया। टेक्सास के डलास शहर में यह हमला तब किया गया जब कुछ लोग एक अश्वेत को गोली मारे जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस हमले को अमेरिकी सुरक्षाकर्मियों पर हुआ अब तक का सबसे बदतर हमला बताया जा रहा है। पिछले पांच सालों में अमेरिका में नस्लीय हिंसा में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल 250 से ज्यादा अश्वेत मारे गए। सबसे ज्यादा अश्वेतों की हत्याएं कैलिफोर्निया में हुई हैं। इसके अलावा एक साल में 100 से ज्यादा हेट ग्रुप भी बढ़ गए हैं। सबसे ज्यादा हेट ग्रुप न्यूयॉर्प में हैं। यह संख्या जल्द एक हजार से ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में अमेरिका के लिए देश में आतंकी हमले न होने से भी बड़ी चुनौती देश में आंतरिक हिंसा बन गई है। डलास पुलिस प्रमुख डेविड ब्राउन ने बताया कि दो अश्वेतों की पुलिस फायरिंग में हुई मौत के विरोध में यहां करीब 800 लोग प्रदर्शन करने जुटे थे। विरोध को देखते हुए मौके पर सौ पुलिस अफसर तैनात किए गए थे। प्रदर्शनकारियों के बीच किसी ऊंचे स्थान से चार बंदूकधारियों ने घात लगाकर पुलिस वालों पर हमला किया। बंदूकधारियों ने 11 पुलिस वालों पर गोलियां चलाईं। संदिग्धों में से एक को पुलिस ने रोबोट बम के जरिये विस्फोट कर उड़ा दिया। इससे पहले पुलिस और बंदूकधारियों के बीच 45 मिनट तक फायरिंग होती रही। उन्होंने बताया कि मारे गए हमलावर ने पुलिस से बात करते हुए कहा था कि वह गोरे लोगों की हत्या करना चाहता था, विशेष रूप से पुलिस वालों की। हालांकि काफी देर बाद भी पुलिस के सामने समर्पण नहीं करने पर उसे रोबोट बम के जरिये उड़ा दिया। दरअसल अमेरिका में इसी बुधवार को मिनेसोटा में फिलैंडो कैस्टाइल नामक युवक की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी। फिलैंडो को पुलिस अफसर ने उसी की कार में गोली मारी थी। घटना के तुरन्त बाद उसकी मंगेतर डायमंड रेनाल्ड्स ने फेसबुक पर घटना का वीडियो डाल दिया। इसमें डायमंड की चार साल की बेटी कार की पिछली सीट पर बैठ कर सारा मंजर देखती नजर आ रही है। मंगेतर के मुताबिक, पुलिस ने कार को महज एक लाइट टूटी होने की वजह से रोका था। लुइजियाना में मंगलवार को दो पुलिस अफसरों के साथ हुई झड़प के बाद एल्टन नाम के शख्स को मार दिया गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ गया। इन दो घटनाओं के बाद डलास में विरोध प्रदर्शन किया गया था जिसमें पुलिस वाले मारे गए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नाटो समिट में शरीक होने पोलैंड की राजधानी वारसा गए हुए हैं। गोलीबारी के बाद उन्होंने कहा कि यह नफरत पैदा करने वाला हमला है। अमेरिका इससे सहम गया है। मैं हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाऊंगा। वारसा पहुंचने से पहले उन्होंने कहा था कि अश्वेतों पर की गई घातक गोलीबारी नस्ली भेदभाव जाहिर करने वाली है। ओबामा ने यह भी कहा था कि श्वेतों की तुलना में अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों को रोके जाने की संभावना 30 फीसदी ज्यादा है। रोके जाने के बाद इन लोगों की तलाशी की संभावना तीन गुना ज्यादा है। बता दें कि 2015 में करीब 102 अश्वेतों को पुलिस ने अपनी गोली का शिकार बनाया था। इनमें से 37 फीसदी लोग निहत्थे थे।

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