Tuesday, 26 July 2016

मियां नवाज शरीफ के हसीन सपने

एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बनेगा। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में उनकी पार्टी पीएमएल-एन को विधानसभा चुनावों में मिली भारी जीत के बाद मुजफ्फराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। लंदन में मई में हुई अपनी हार्ट सर्जरी के बाद अपनी पहली जनसभा में शरीफ ने कश्मीर के लोगों से अनुरोध किया कि उन्हें न भूलें जो लोग आजादी के आंदोलन के लिए कश्मीर में अपनी जान बलिदान कर चुके हैं। मियां नवाज शरीफ के मुंगेरी लाल के हसीन सपने शायद ही कभी पूरे हों। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शरीफ को करारा जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर को लेकर उनका सपना कयामत तक पूरा नहीं होगा। शनिवार को सुषमा ने कहा कि नवाज शरीफ के बयान से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान कश्मीर में अस्थिरता के लिए लगातार अपनी नापाक कोशिशें कर रहा है। भारत की संसद कई बार यह संकल्प जाहिर कर चुकी है कि कश्मीर के मामले में अगर कोई अधूरा एजेंडा है तो वह है पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर को वापस पाना है। कश्मीर कार्ड खेलने में जुटे पाकिस्तान को भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जमकर लताड़ लगाने के साथ ही आइना भी दिखा दिया। भारत ने गुलाम कश्मीर पर अवैध कब्जा जमाए पाकिस्तान को जल्द से जल्द खाली करने की चेतावनी देकर स्पष्ट कर दिया है कि जिस आग को वह भड़काने की कोशिश कर रहा है उससे उसका दामन भी खाक हो सकता है। पानी अब सिर से ऊपर जा रहा है और भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से ही पाकिस्तान जिस तरह से कश्मीर की आड़ में आतंकियों का मनोबल बढ़ा रहा है भारत ने उसे भी दुनिया के सामने ला दिया है। पाकिस्तान की ओर से नए सिरे से कश्मीरी राग अलापने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अब इस मुद्दे पर मुख्वत नहीं होगी। सख्त संदेश भी दिया जाएगा और सख्ती से निपटा भी जाएगा। पाकिस्तान लगातार खासकर कश्मीर घाटी में भारत विरोधी भावनाएं भड़काने की फिराक में रहता है। जब भी मौका मिलता है सीमा पार से घुसपैठ के जरिये आतंकियों को रवाना करता है ताकि घाटी में कभी भी जनजीवन सामान्य न हो सके। यही नहीं, वह अपने कब्जे वाले अवैध रूप से हथियाए हिस्से में कश्मीर में आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए शिविर भी चलाता है। पाक इन कश्मीरी आतंकियों की हर संभव मदद करता है ताकि यह कश्मीर घाटी में अस्थिरता पैदा करने, जनजीवन अस्तव्यस्त करें और हमारे जवानों को मारें। यह कोई अनजाना तथ्य नहीं है। इसलिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जब ये बातें लोकसभा में बता रहे थे तो नई बात सिर्प यह थी कि घाटी में मौजूदा अशांति में भी पाकिस्तान का हाथ है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्तान कश्मीर में हमेशा ऐसी स्थिति पैदा करना चाहता है जिससे उसे इस मुद्दे को बड़े मंचों पर उठाने का मौका मिल जाए। जहां नवाज शरीफ के हसीन सपने कभी पूरे नहीं होंगे वहीं सवाल यह भी है कि भारत घाटी का माहौल बिगड़ने से रोकने के पुख्ता उपाय क्यों नहीं कर पाता? पिछले कई दशकों से कश्मीरी आवाम ने इन आतंकियों, अलगाववादियों की तमाम धमकियों की परवाह को नजरअंदाज करते हुए पंचायत से लेकर विधानसभा व लोकसभा चुनावों में हिस्सा लेते रहे हैं? इससे जाहिर है कि वे अमन व लोकतंत्र की व्यवस्था के हिमायती हैं। इससे यह भी साबित होता है कि वह अपना वोट देकर भारत के संविधान के प्रति अपना समर्थन जाहिर करते हैं। कश्मीरी आवाम इन मुट्ठीभर आतंकियों, अलगाववादी नेताओं से आजीज आ चुकी है। वह अमन-शांति चाहती है। अगर आप श्रीनगर और कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो कश्मीर घाटी के अन्य स्थानों पर एक अलग ही माहौल है। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के अपने अवैध कब्जे को भी हमें जोरशोर से उठाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय मंचों में इसे लाना चाहिए। आज समूची दुनिया इस्लामिक आतंकवाद की चपेट में है। दुनिया को यह बताना जरूरी है कि पाकिस्तान कश्मीर के एक हिस्से का आतंक पनपाने के लिए कैसे इस्तेमाल कर रहा है। 56 इंच छाती की बात करने वाली सरकार ने पाकिस्तान के प्रति अब तक जो लचीला रुख दिखाया है उसकी वजह से ही पाक की हिम्मत बढ़ी है। इसीलिए वह जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकियों को उकसाने और अशांति फैलाने में जुटा है।

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