Friday, 1 July 2016

तंजील अहमद हत्याकांड का मास्टरमाइंड मुनीर गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डीएसपी तंजील अहमद की हत्या के मुख्य आरोपी मुनीर को एसटीएफ ने मंगलवार को मुठभेड़ के बाद ग्रेटर नोएडा वैस्ट से गिरफ्तार कर लिया। मुनीर के साथ उसका सहयोगी अदनान भी एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। सबसे करीबी दोस्त आशुतोष मिश्रा संग छात्र गुटों के मामूली झगड़ों से जरामय सफर शुरू करने वाला मुनीर साइको किलर बन गया। मंगलवार तड़के गिरफ्तारी के बाद जिस अंदाज में उसने टीम के सवालों के जवाब दिए तो उसके हाव-भाव देख सभी दंग रह गए। उसने स्वीकारा कि वह अत्याधुनिक हथियार एक-47 खरीदने जा रहा था। ताकि पश्चिमी यूपी व एनसीआर में अपनी किलिंग मशीन ए कंपनी का डंका बजा सके। इसी मकसद से उसने बिजनौर में 90 लाख रुपए लूटे थे। इस बात की भनक डीएसपी तंजील को लग गई और वह उसकी राह में रोड़ा बनते दिख रहे थे। इसलिए मुनीर ने तंजील को ही मार दिया। वह दक्षिण भारतीय फिल्म गोलमाल के मुख्य किरदार के अंदाज में बताता है कि जो भी उसके रास्ते में आता, उसे गोली जरूर मारता। अब वह बचे या मरे। हर समय पीठ पर बैग जिसमें हथियारों के साथ-साथ कारतूसों का जखीरा रहता था। पूछताछ में मुनीर ने खुलासा किया कि तंजील अहमद अन्य एजेंसियों को सूचनाएं देकर उसके साथियों को गिरफ्तार करवा रहे थे। जल्द ही उसकी बारी भी आने वाली थी। इसी कारण उसने तंजील की हत्या कर दी। डीएसपी की हत्या में उनके बहनोई के भतीजे रेयान ने भी मुनीर का साथ दिया था। अप्रैल में डीएसपी की हत्या के मामले में एसटीएफ ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जमीन-आसमान एक कर दिया था। लेकिन लापरवाही की हद यह थी कि तंजील की हत्या के बाद वह डेढ़ दिन तक सहसपुर स्थित अपने घर में ही था। इसके बाद वह सहसपुर से निकलकर यूपी के कई जिलों में रहा। गाजियाबाद के एबीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के पास एक घर में फैजल के साथ रहा। मुनीर दिल्ली के कमला नगर में गार्ड की हत्या कर एटीएम से डेढ़ करोड़ रुपए की लूट, बिजनौर धामपुर में पीएनबी वैन से 91 लाख, अलीगढ़ के इंडसइंड बैंक में 31 लाख, अलीगढ़ में ही बैंक वैन से 35 लाख की लूट में शामिल रहा। तंजील की हत्या करने के बाद दो लाख का ईनामी मुनीर कुछ दिन नेपाल में भी रहा। इस दौरान उसने दिल्ली के ओखला सहित यूपी के कई जिलों में भी शरण ली। एसटीएफ (एंटी टेरेरिस्ट सेल) यह भी जांच कर रही है कि तंजील अहमद द्वारा पता लगाए जा रहे आतंकियों के सुराग के चलते तो उनकी हत्या नहीं हुई। इस दौरान मुनीर आतंकियों के सम्पर्प में तो नहीं रहा? बेहद शातिर मुनीर मोबाइल और लैपटॉप जैसी कोई इलेक्ट्रॉनिक वस्तु उपयोग में नहीं लाता था। यही वजह थी कि वह इतने दिन बचता रहा।

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