Saturday, 9 July 2016

आखिर कौन है ये जाकिर नाइक?

विवादित धार्मिक भाषणों के लिए चर्चित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक का मामला गरमा गया है। बांग्लादेश में ढाका की आतंकी घटना के बाद इस घिनौने कांड में शामिल दो दुर्दांत आतंकियों के जाकिर के भाषणों से प्रभावित होने की बात सामने आने के बाद वहां के सूचना और प्रसारण मंत्री हसनुल हक ने कहा कि भारत को नाइक के आतंकवादियों से संबंध की जांच करनी चाहिए और उस पर नजर रखनी चाहिए। गौरतलब है कि 51 साल का जाकिर अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में प्रतिबंधित है। वह इस्लाम पर टीवी में भाषण देता है जिसे तमाम दुनिया के मुसलमान सुनते हैं। उसने मुंबई में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नाम की संस्था बना रखी है। बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले में शामिल हरकत-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के छह आतंकियों में से दो जाकिर के समर्थक होने की बात वहां के अधिकारियों ने स्वीकार की है। जाकिर हर एक मुसलमान को आतंकवादी बनने की सलाह देता है। उसका तर्प है कि अमेरिका और इस्लाम के खिलाफ काम करने वाले सबसे बड़े आतंकी हैं। इन आतंकियों में आतंक भरने के लिए हरेक मुसलमान को आतंकवादी बनना चाहिए। इस्लाम के अलावा अन्य धर्मों की भी आलोचना करता है नाइक। वह अपने भाषण में हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित कर मुस्लिम युवाओं का दिमाग बदलता है। गीता के श्लोक की गलत व्याख्या कर, कट्टरवाद को बढ़ावा देने की बात भी सामने आई है। मुस्लिम युवाओं का चहेता बना डॉ. जाकिर नाइक कभी दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार की गलियों में एक छोटे से कबाड़खाने जैसे घर में रहता था। लेकिन कट्टरवादी सोच के साथ इस्लाम का प्रचार कर इतनी दौलत और शौहरत कमा ली कि आज वह मुंबई के बेहद पॉश इलाके नेपियनसी रोड पर आलीशान कोठी में रहता है। डॉ. नाइक पीस टीवी नामक एक इस्लामिक चैनल का संस्थापक है जिसका अनेक देशों में प्रसारण होता है। 18 अक्तूबर 1965 में जन्मा जाकिर को बचपन से ही कुरान की आयतें कंठस्थ हो गई थीं। उसने बाद में मेडिकल की पढ़ाई की। अपने पिता अब्दुल करीम नाइक की मदद से डोगरी में एक इस्लामिक स्कूल की नींव रखी। डॉ. जाकिर के पिता की महाराष्ट्र के बड़े नेता शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अब्दुल रहमान अंतुले से जान-पहचान थी। इनके बल पर जाकिर का इस्लामिक स्कूल चल निकला। उसके बाद उसने कई मदरसे खोले। साल 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना कर वह मदरसों में मुस्लिम युवाओं को कट्टरता की ट्रेनिंग देने लगा। बांग्लादेश में हुए आतंकी हमलों में हमलावरों का नाइक के भाषणों से प्रभावित होने के बाद अब भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार सक्रिय हो गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर से कहा है कि वह नाइक के भाषणों की जांच कर रिपोर्ट दें। फड़नवीस ने कहा कि नाइक के भाषण, सोशल मीडिया अकाउंट्स, फाउंडेशन को मिलने वाली आर्थिक मदद के सूत्रों की जांच की जाए। इससे पहले केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि नाइक के जो भाषण दिखाए जा रहे हैं, वे बेहद आपत्तिजनक हैं, गृह मंत्रालय इनकी पड़ताल के बाद जरूरी कार्रवाई करेगा। शिवसेना ने जाकिर नाइक पर बैन की मांग की है। उधर साल 2012 में बना एक वीडियो गुरुवार को सामने आया। इसमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह जाकिर नाइक के साथ मंच साझा करते हुए उनकी तारीफ कर रहे हैं और नाइक को अमन का दूत बताया। दिग्विजय ने अपने बचाव में कहा कि नाइक के खिलाफ कोई सबूत है तो भारत और बांग्लादेश की सरकारों को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। खुद नाइक ने कहा है कि मुस्लिमों से आतंकवादी बनने की मेरी गुजारिश के गलत मायने निकाले गए। यह बात मैंने दूसरे सिलसिले में कही थी। भारत में कई चैनल इस भाषण वाली मेरी क्लिपिंग दिखा रहे हैं। जब किसी को मुझे तंग करना होता है तो वह मेरी क्लिपिंग दिखाते हैं।

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