एक खुशखबरी है।
कोरोना वायरस की जांच अब देसी किट से भी संभव होगी। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार
की गई किट को आईसीएमआर ने अप्रूव कर दिया है। आईसीएमआर ने कहा कि अब जांच सस्ती हो
जाएगी और जल्दी हो जाएगी। आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक के अनुसार अब जांच के लिए बाहर
नहीं जाना पड़ेगा, अब भारत में बनी किट से यह जांच
संभव होगी। इससे जांच की कीमत में भी कमी आएगी। वैज्ञानिक ने बताया कि इसके लिए कई
इंस्टीट्यूट्स द्वारा तैयार की गई किट की स्टडी की गई। इस किट का पैमाना था कि किट
यूएसएफडीए से अप्रूव हो या ईयूए से प्रमाणित हो या फिर इसका रिजल्ट 100 प्रतिशत हो। पुणे की एनआईवी लैब में आए सभी किट की जांच की गई, जिसमें से दो किट की रिपोर्ट 100 प्रतिशत पॉजिटिव और
100 प्रतिशत नेगेटिव पाई गई। जिसके बाद ऐसी दो किट को अप्रूवल
दे दी गई है। कोरोना वायरस आने के बाद पुणे की आईसीएमआर की एनआईवी लैब को वायरस को
आइसोलेट करने में सफलता मिली थी। उस समय कहा गया था कि इस सफलता के बाद भारतीय वैज्ञानिकों
द्वारा बनाई गई किट की जांच करने में काफी मददगार साबित हुई है। आईसीएमआर के अनुसार
यूएसएफडीए प्रमाणित किट के साथ ही अब भारतीय किट का भी प्रयोग कोरोना मरीजों के लिए
किया जा सकेगा, जिसका निर्माण देश में किया जा रहा है। प्रारंभिक
चरण की स्टडी में दोनों किट को कोरोना की जांच के लिए सटीक माना गया है। आईसीएमआर के
विशेषज्ञों की टीम ने कोरोना की क्रीनिंग अधिक बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया है।
सूत्रों का कहना है कि यह किट बहुत कम समय में बनाई गई है, जो
अपने आपमें एक रिकॉर्ड है। इसके बाजार में उतरने के बाद इस पर खर्च काफी कम हो सकता
है। सरकार ने कुछ प्राइवेट लैब्स को भी कोरोना की जांच करने की इजाजत दी है। डॉ.
लाल लैब, डॉ. डांग लैब के
अलावा कई लीडिंग लैब्स को इजाजत दी है। इन्होंने जांच की कीमत लगभग 4500 रुपए रखी है।
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