Friday 6 March 2020

कोरोना वायरस का मुकाबला

चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुका है। करीब ढाई साल पहले वुहान से शुरू हुए वायरस की चपेट का दायरा बढ़ता ही चला जा रहा है। नोबेल कोरोना वायरस का तेजी से फैलना और उससे हो रही मौतें जितना बड़ा दुख, उतना ही बड़ी चिन्ता की बात है। दुनिया में 3000 से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाने के बाद मर चुके हैं। सोमवार को दिल्ली, जयपुर और तेलंगाना में एक-एक मरीज में संक्रमण की पुष्टि हुई। दिल्ली में संक्रमित व्यक्ति दुबई से लौटा था, जबकि जयपुर में मिला संक्रमित इटली का पर्यटक है। साफ है कि वायरस सिर्प चीन के जरिये ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के जरिये भी भारत आने लगा है। यह अब दुनियाभर की चिन्ता का मामला बन चुका है। इसके संक्रमण के खतरे का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस वायरस से कई हजार संक्रमित हो चुके हैं और लगभग तीन हजार लोगों की जान जा चुकी है। यह बात अब छिपी नहीं है कि कम से कम 50 देशों तक यह वायरस कमोबेश पहुंच चुका है। विशेष रूप से पांच देशों की स्थिति ज्यादा चिन्ताजनक हैöचीन, ईरान, इटली, कोरिया और सिंगापुर। इन पांच देशों से आने वालों की जांच का फैसला भारत सरकार ने किया है जो स्वागतयोग्य है। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना वायरस अब तक 66 देशों में फैल चुका है, लेकिन अभी सिर्प 10 देशों में ही मरने वालों की पुष्टि हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा चीन में 2912 लोग तथा चीन के बाहर 139 लोग मर चुके हैं। चीन के अलावा जो चार अन्य देश हैं, जहां कोरोना सबसे अधिक फैला है, वह साउथ कोरिया, इटली, ईरान और जापान हैं। गौरतलब है कि हाल में जापान से डायमंड प्रिंसेज कूज से भारत के 119 नागरिकों को बचाया गया था। इन सभी लोगों को भारत लाने के बाद सीधे मानेसर सेंटर ले जाया गया है, जहां उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। आपको बताते चलें कि तमाम उपायों के चलते भारत में अभी तक कोरोना के कारण किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। बता दें कि इससे पहले केरल में कोरोना के तीन मामले सामने आए थे। यूं तो कोरोना वायरस की प्रकृति को देखते हुए दूसरे देशों में इसके फैलने की आशंका पहले ही जाहिर की जा रही थी। अब जैसे-जैसे दुनियाभर से इसकी खबरें आने लगी हैं। इससे यही  लग रहा है कि इसका खतरा शायद अनुमान से ज्यादा है। सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि अभी तक जिस तरह इस पर काबू पाने का कोई उपाय नहीं नजर आ रहा है और इसके इलाज के लिए किसी टीके का निर्माण नहीं हो सका है। फिलहाल सबसे ज्यादा आवश्यकता इस बात की है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कायम मतभेदों को भुलाकर दुनिया के तमाम देश कोरोना वायरस की काट निकालें, क्योंकि राजनीतिक और भौगोलिक सीमाएं इस वायरस के संक्रमण के दायरे को सीमित नहीं कर सकते।

No comments:

Post a Comment