Thursday 5 March 2020

स्कूलों, घरों, दुकानों, अस्पताल, कैमिस्टों को भी नहीं बख्शा

एक घर बनाने में पूरे जीवन की कमाई खप जाती है, लेकिन उपद्रवियों ने पलभर में जलाकर राख कर दिया। हिंसा प्रभावित चांद बाग, शिव विहार, मौजपुर, जाफराबाद सहित अन्य इलाकों की दुकानों, मकानों, गाड़ियों की बर्बादी की तस्वीर भयावह है। दुकानें मलबे में तब्दील हो चुकी हैं, घर खंडहर जैसे लग रहे हैं। लोगों के पास बचे हैं तो सिर्प आंसू। दिन-रात सालों मेहनत कर जिस आशियाने को खड़ा किया था, उसकी राख से उड़ती कालिख से अंधेरे के सिवाय उनकी जिंदगी में अब कुछ शेष नहीं रहा है। अब सैकड़ों लोगों को नए सिरे से फिर जिंदगी शुरू करनी होगी। उपद्रवियों ने स्कूलों, घरों, दुकानों, अस्पताल और पेट्रोल पंप भी पूंक दिया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार तिराहा के पास बने दो निजी स्कूलों को भी दंगाइयों ने हिंसा का शिकार बनाया। यही नहीं एक दूसरे से सटकर बने राजधानी स्कूल की तीसरी मंजिल से रस्सी के सहारे डीआरपी स्कूल में उतरे उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ करने के साथ स्कूल को आग के हवाले कर दिया। डीआरपी स्कूल के मालिक धर्मेश ने बताया कि दंगाइयों ने सबसे पहले बराबर में बने राजधानी स्कूल पर कब्जा किया। तोड़फोड़ करते हुए वह लोग स्कूल की तीसरी मंजिल पर चढ़ गए और हमारे स्कूल में भी पत्थर बरसाने शुरू कर दिए थे। वहीं जब चौकीदार ने गेट नहीं खोला तो दंगाई बराबर वाले स्कूल की दीवार से रस्सी डालकर उतर गए। दंगाइयों ने उतरते ही स्कूल में तोड़फोड़ कर दी। साइंस लैब समेत अन्य लैब व कक्षाओं को भी आग के हवाले कर दिया। दंगाई यहां से एलसीडी क्रीन समेत अन्य सामान लूट ले गए। नूर--इलाही इलाके में उपद्रवियों ने हिंसा के दौरान लोगों के घर में न केवल तोड़फोड़ की बल्कि लूटपाट कर फरार हो गए। घर के मालिक का आरोप है कि उपद्रवियों ने एक समुदाय को निशाना बनाया है। इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए वह परिवार समेत एक दिन पहले ही अपना मकान बंद कर रिश्तेदार के घर चले गए थे। 37 वर्षीय मंसूर अली ने बताया कि वह अपने जीजा फैजुल के परिवार के साथ मोहनपुरी इलाके में किराये के मकान में रहते हैं। उनका राम गली में सिलाई व कढ़ाई का कारोबार है। यह इलाका नूर--इलाही से सटा हुआ है। सोमवार को तनाव देखते हुए वह अपने परिवार के साथ रिश्तेदार के घर चले गए। अगले दिन करीब शाम चार बजे उपद्रवियों ने दूसरी मंजिल पर स्थित उनके घर पर धावा बोल दिया। गेट पर लगे ताले को तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन तोड़ नहीं पाए। उसके बाद दरवाजे को तोड़कर घर के भीतर गए और करीब 20 तोले सोना लूट ले गए। ब्रजपुरी रोड स्थित अरुण गार्डन पब्लिक स्कूल को भी दंगाइयों ने निशाना बनाया। स्कूल के मालिक व पूर्व विधायक भीष्म शर्मा ने बताया कि दंगाइयों ने स्कूल में खड़ी बसों को जलाने के साथ पिछले 30 साल का रिकॉर्ड समेत हजारों किताबों को भी आग के हवाले कर दिया। दीवारों को भी तोड़ा गया। स्कूल को ठीक करवाया जा रहा है ताकि बच्चों की पढ़ाई ज्यादा दिनों तक प्रभावित न हो।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment