Tuesday, 17 March 2020

चीनी मर्द शादी के लिए खरीद रहे हैं पाकिस्तानी लड़कियां

बीबीसी के संवाददाता सहर बलोच ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है। चीन के मर्द बिचौलियों के जरिये पाकिस्तानी परिवारों से सम्पर्प कर रहे हैं। पिछले साल जब यह खबर सामने आई थी कि चीन के पुरुष पाकिस्तान की ईसाई लड़कियों के साथ शादी कर रहे हैं तो हड़कंप मच गया था। पाकिस्तानी अधिकारी फौरन हरकत में आए थे। उन्होंने इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 50 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन कार्यवाही करने के एक साल बाद आज भी चीन के पुरुष पाकिस्तान की ईसाई लड़कियों से ब्याह कर रहे हैं। हालांकि अब शादी का यह गोरखधंधा बड़ी खामोशी से गुपचुप चलाया जा रहा है। अगर हम पीछे जाएं तो हुआ यह था कि 2019 में एक तफ्तीश से इस बात का पर्दाफाश हुआ था कि चीन के बहुत से पुरुष पाकिस्तानी गरीब ईसाई लड़कियों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। उन्हें अमीर घरों में शादी का झांसा दिया जाता है। इस काम में बहुत से अनुवादक और पादरी, चीनी मर्दों की मदद कर रहे थे। पता चला है कि इनमें से ज्यादा शादियां असल में एक फर्जीवाड़ा थीं। जिसमें पाकिस्तान के पंजाब सूबे की रहनी वाली गरीब ईसाई लड़कियों को शादी के बहाने से चीन ले जाया जाता था। फिर उन्हें वेश्यावृत्ति के कारोबार में धकेल दिया जाता था। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी की तफ्तीश में पता चला था कि कई मामलों में तो पाकिस्तान की इन गरीब ईसाई लड़कियों के अंग, खासतौर पर उनकी बच्चेदानी को निकालकर अंगों को अंतर्राष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में बेच दिया जाता था। एफआईए की जांच से पता में चला था कि जिन लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लायक नहीं समझा जाता था उनके अंग निकालकर बेच दिए जाते थे। मानवों की तस्करी करने वालों का एक समूह अभी भी लोगों के सम्पर्प में है। यह शादियां ज्यादातर पाकिस्तान का सरहदी सूबे के मरदान, पेशावर और चार सद्दा शहरों में कराई जा रही हैं और इनका इंतजाम बिचौलिये करते हैं। चीनी मर्दों और पाकिस्तानी ईसाई लड़कियों की शादी के इस घोटाले में अकसर पादरी, कोई रिश्तेदार या पारिवारिक दोस्त बिचौलिये की भूमिका निभाता है। फिर वह लड़कियों के परिवार वालों से बात करते हैं और शादी की तारीख तय करते हैं। फिर इन लड़कियों को गुपचुप तरीके से इस्लामाबाद ले जाकर उनका ब्याह कर दिया जाता है। इन सभी परिवारों ने बेटियों को चीन में ब्याहने के पीछे एक ही प्रमुख वजह बताई जा रही है और वो यह थी कि उससे उनकी बेटियों को आर्थिक आजादी हासिल होगी। पाकिस्तान के आंतरिक विभाग के संघीय मंत्री एजाज शाह के मुताबिकöहो सकता है कि ऐसी शादियों में से कोई एक प्रतिशत ऐसी हो जो बिल्कुल वाजिब हो। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह विशुद्ध शोषण का केस है। पंजाब के अधिकतर इलाकों में ईंट-भट्ठा मजदूर रहते हैं। मानव तस्करों के एक समूह ने इन मजदूरों में से कई के परिवारों को यह कहकर फुसलाया था कि अगर वो चीन के मर्दों से अपनी बेटियों की शादी का प्रस्ताव मंजूर करते हैं तो वह एक दिन उसी ईंट-भट्ठे के मालिक होंगे, जिसमें वो आज काम करते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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