Sunday, 8 March 2020

अंकित शर्मा की हत्या के लिए आरोपी ताहिर जिम्मेदार?

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान आईबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या समेत तीन अन्य मामलों में आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने गुरुवार को दोपहर हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच राउज एवेन्यू कोर्ट की पार्किंग से गिरफ्तार कर लिया। दरअसल ताहिर ने गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर की अर्जी लगाई थी। मगर कोर्ट में अर्जी खारिज होने के बाद जब ताहिर कोर्ट की पार्किंग में पहुंचा तो एसआईटी की टीम ने उसे दबोच लिया। पुलिस उसे क्राइम ब्रांच के ऑफिस ले गई। ताहिर हुसैन खुद को बेकसूर होने का दावा कर रहा है। उसने खुद को साजिश के तहत फंसाने की बात कही है। क्राइम ब्रांच अधिकारियों के सामने उसने कहा कि 24 फरवरी की रात लगभग 11 बजे पुलिस के अफसरों ने ही उसे भीड़ से बचाया था। पुलिस ने ताहिर हुसैन को बचाने के बाद उनके परिवार वालों को सौंप दिया था। अंकित शर्मा के लापता होने का वाक्या 25 फरवरी की शाम पांच बजे का है। आईबी कर्मी की हत्या के मामले में आरोपी ने कहा कि मेरा नाम ताहिर हुसैन है और मैं राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ा हुआ हूं। इसलिए साजिश के तहत उसे मोहरा बनाया गया। दूसरी तरफ अंकित शर्मा के पिता ने पुलिस को दर्ज कराए गए मुकदमे में बेटे की मौत के लिए उसे ही जिम्मेदार ठहराया है। बहरहाल रात 11 बजे से शाम पांच बजे के बीच 18 घंटे की पुलिस जांच ही तय करेगी कि हत्या की इस वारदात में पार्षद का कितना रोल है? पुलिस अब इतने ही घंटों के एक-एक पल का हिसाब पार्षद से जानेगी कि वह इतने समय कहां था? अगर पार्षद ताहिर हुसैन इस दौरान खुद को घटनास्थल से दूर होने का कोई सबूत पेश कर पाया तो पुलिस के लिए उसे कम से कम हत्या मामले में दोषी साबित करना इतना आसान नहीं होगा। ताहिर हुसैन का दावा है कि वह 24 फरवरी के बाद बिल्डिंग में नहीं गया। ऐसे में उसके मोबाइल की लोकेशन से काफी हद तक स्थिति साफ होगी। उधर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस दिया है कि हिंसा के दौरान लापता लोगों का पता लगाने के लिए सभी तरह के प्रयास करें। साथ ही हिंसा में मारे गए लोगों के उन सभी शवों का विवरण भी प्रकाशित करें जिनकी पहचान नहीं हो पाई है। एक वीडियो जो बहुत ज्यादा वायरल हुआ वह ताहिर की छत पर एकत्रित भीड़ का था। इस पर ताहिर हुसैन ने दलील दी कि यह वीडियो 24 तारीख का है। छत पर वह लगातार पुलिस अधिकारियों व पार्टी से जुड़े नेताओं को फोन पर बात कर हालात के बारे में जानकारी दे रहा था। उन्हें बता रहा था कि घर के बाहर माहौल एकदम से खराब हो गया था। उसने यह भी कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। कानून पर पूरा भरोसा है। वह नार्को टेस्ट कराने को भी तैयार हैं। इस हाई-प्रोफाइल केस में पुलिस को ताहिर हुसैन पर लगे आरोपों को अदालत में साबित करना होगा। वह बेकसूर है जैसा कि वह दावा कर रहा है। उसे साजिश के तहत फंसाया गया है या फिर अब ताहिर हुसैन गलतबयानी कर रहा है? अपने को पाक-साफ बताने की कोशिश कर रहा है? अब सारा दारोमदार सबूतों का है। चूंकि मामला अब अदालत में जाएगा वहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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