उच्चतम
न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बावजूद
वह तत्काल महत्व वाले मामलों में स्काइप,
फेसटाइम तथा वाट्सएप के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करेंगे।
सर्वोच्च अदालत ने अपने पहले के आदेशों में संशोधन करते हुए बहुत आवश्यक मामलों में
सुनवाई रखने का फैसला किया है। दो दिन पूर्व देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद शीर्ष
अदालत ने सभी कार्यवाही बंद कर दी थी। लेकिन अब फैसला किया गया है कि बहुत अर्जेंट
मामलों में कार्यवाही जारी रखी जाएगी। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति
सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव
और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस तथा न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता
की तीन पीठें शुक्रवार को इन एप्लीकेशनों के माध्यम से सुनवाई करेंगी। न्यायमूर्ति
चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुबह 11 बजे सुनवाई करेगी,
वहीं न्यायमूर्ति राव की अध्यक्षता वाली पीठ दोपहर एक बजे तथा न्यायमूर्ति
मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ अपराह्न तीन बजे मामलों की सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत के
महासचिव द्वारा जारी ताजा परिपत्र के अनुसार अत्यंत तत्कालीन जरूरत वाले मामलों में
एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) या वादी को पहले
याचिका या आवेदन दाखिल करना होगा और इसमें ई-फाइलिंग को तरजीह
देनी होगी। इसके बाद उन्हें अत्यंत तात्कालिक आवश्यकता का सार-संक्षेप इंगित करते हुए एक अन्य आवेदन दाखिल करने को कहा है। न्यायालय ने 23
मार्च को सफलतापूर्वक वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई का परीक्षण किया
था और तीन मामलों पर सुनवाई की गई जिसमें न्यायाधीश अदालत कक्ष में बैठे वकीलों ने
शीर्ष अदालत में ही दूसरे स्थान से दलीलें दीं। सुप्रीम कोर्ट का यह अच्छा फैसला है
और कोरोना वायरस के दौरान ही सुनवाई करके जज महोदयों ने देश के सामने एक अच्छा संकेत
दिया है।
-अनिल नरेन्द्र
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