यस
बैंक के प्रोमोटर राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच के सिलसिले में
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
ने गुरुवार को रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से नौ घंटे तक पूछताछ
की। जांच एजेंसी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत उनका बयान भी रिकॉर्ड किया।
उन्हें 30 मार्च को फिर बुलाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि
60 वर्षीय उद्योगपति सुबह बेलार्ड पियर्स एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय
पहुंचे और शाम को करीब सात बजे कार्यालय से बाहर निकले। अंबानी समूह की कंपनियों ने
नकदी के संकट से जूझ रहे यस बैंक से करीब 12,800 करोड़ रुपए का
लोन लिया है। अनिल अंबानी को पहले सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन निजी करणों से उन्होंने इससे छूट हासिल कर ली थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें
19 मार्च को पेश होने का नया समन जारी किया था। अधिकारियों के मुताबिक
अंबानी यस बैंक के साथ ट्रांजेक्शन और अपने समूह की कंपनियों से जुड़ी जानकारी की ज्यादा
सूचनाएं नहीं दे पाए। वह यही कहते रहे कि उन्हें विवरण याद नहीं है। इसलिए एजेंसी ने
उन्हें दस्तावेजों और सूचनाएं एकत्र कर तैयारी के साथ 30 मार्च
को फिर बुलाया है। उधर रिलायंस समूह के प्रवक्ता ने कहा कि यस बैंक के समूह के ऋण जोखिम
पर अंबानी ने ईडी अधिकारियों से मुलाकात कर स्पष्टीकरण दिया है। प्रवक्ता ने यह भी
कहा कि यस बैंक से लिया गया पूरा कर्ज सिक्यूर्ड है और उसे सामान्य कारोबार के क्रम
में लिया गया था। कंपनी का कहना है कि विभिन्न परिस्थितियों के मौद्रिककरण कार्यक्रम
के जरिये रिलायंस ग्रुप यस बैंक से लिए गए सभी कर्जों का भुगतान करने के लिए प्रतिबद्ध
है। यह कार्यक्रम काफी आगे बढ़ चुका है। कंपनी ने कहा है कि उसका यस बैंक के पूर्व
सीईओ या उनकी पत्नी या बेटियों या राणा कपूर अथवा उनके परिवार द्वारा नियंत्रित किसी
भी कंपनी से कोई प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। ऐसा ही बयान ग्रुप ने पिछले
हफ्ते भी जारी किया था। ईडी द्वारा पूछताछ के लिए समन किए गए कुछ अन्य औद्योगिक समूहों
के प्रमुख जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। इनमें एस्सेल ग्रुप के प्रोमोटर सुभाष
चन्द्रा और जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल शामिल हैं। सुभाष चन्द्रा संसद सत्र में
व्यस्त होने और नरेश गोयल परिवार के सदस्य की बीमारी के कारण पेश नहीं हुए। मालूम हो
कि सुभाष चन्द्रा जीटीवी के मालिक भी हैं और सांसद भी हैं। बहरहाल ईडी ने गुरुवार को
उन्हें नया समन जारी किया और 21 मार्च को पेश होने को कहा था।
हमें खुशी इस बात की है कि यस बैंकों को कथाकथित डुबाने वालों की जांच हो रही है और
उनके रुतबे और स्टैंडिंग की परवाह नहीं की जा रही है। उम्मीद की जाती है कि अगर जांच
में यह कसूरवार पाए जाते हैं तो इनसे फुल रिकवरी होगी ताकि गरीब जनता की जीवनभर की
कमाई यूं नहीं लूटी जा सकती।
-अनिल नरेन्द्र
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