Tuesday, 31 March 2020

न्यूजपेपर से नहीं फैलता है कोरोना वायरस, यह सच है

अखबार हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं। लॉकडाउन में अखबारों की सप्लाई प्रभावित हुई है। अखबार छप तो रहे हैं पर लोगों तक नहीं पहुंच रहे। इसका सबसे बड़ा कारण है हॉकरों का अखबारों को न उठाना। इसका कारण यह है कि पहला तो घर से निकलना मुश्किल हो गया और दूसरा कुछ हॉकरों को अखबार छूने से डर लगता है कि कहीं इनके माध्यम से उन्हें कोई नुकसान न हो जाए। लॉकडाउन के कारण बाधित वस्तुओं की ढुलाई पर अब रोक हट गई है। अब तक सिर्प आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई को अनुमति दी गई थी। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के लिए जारी किए गए पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्रिंट मीडिया वितरण व प्रसारण से जुड़े सभी चेन इसमें आते हैं। यानि इंक, प्लेट्स, न्यूज प्रिंट से लेकर कर्मयोगी तक इसकी श्रेणी में आएंगे। पिछले दिनों में यूं तो कई आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई का निर्देश था। प्रिंट मीडिया भी आवश्यक सेवा में शामिल है लेकिन इससे जुड़ी कई सामग्रियों की ढुलाई में मुश्किलें आ रही थीं। यहां तक कि प्रिंट मीडिया में काम करने वाले कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हॉकरों को घर से अखबारों के वितरण करने में मुश्किलें आ रही थीं। जबकि सरकार के साथ विशेषज्ञों की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि अखबार पूरी तरह सुरक्षित है। इससे संक्रमण का खतरा नहीं है। बहरहाल रविवार को मुख्य सचिवों को जारी पत्र में गृह सचिव ने साफ-साफ कहा कि प्रिंट मीडिया के सप्लाई चेन में जुड़ी सभी चीजों की ढुलाई पर कोई पाबंदी नहीं है, कोई रोक नहीं है। इस पत्र में यह भी कहा गया साबुन, सैनिटरी पैड्स, बॉडी वॉश, शैंपू, डिटर्जेंट के अलावा मिल्क फूड जैसी सामग्री भी शामिल हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी भी इसमें शामिल है। कोरोना को हराने के लिए आपके पास सही जानकारी जरूरी है। अखबार से हम यही कोशिश कर रहे हैं। साथ ही हम उन अफवाहों का खंडन कर सही तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रहे हैं। तमाम अखबार छप रहे हैं। आज ही आप अपने हॉकर को यह सब जानकारी दें और उसे समझाएं कि वह अखबार डालना शुरू करें। इसमें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।

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