Friday 27 March 2020

हवा से कोरोना संक्रमण फैलने की कोई रिपोर्ट नहीं है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को साफ किया कि हवा से कोरोना के संक्रमण का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। दरअसल एक रिपोर्ट में चीनी अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि अस्पतालों में गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में हवा में तैरते कणों के चलते कोरोना फैलने की आशंका बढ़ जाती है। डब्ल्यूएचओ की दक्षिण एशिया इकाई की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहाöफिलहाल हवा के चलते कोरोना के समझने के लिए आंकड़ों के विश्लेषण की ज्यादा जरूरत है। अभी तक के हमारे अनुभवों के मुताबिक कोरोना ज्यादातर बीमार लोगों के खांसने और सम्पर्प में आने से ही फैलता है। यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ बार-बार हाथ धोने और सांस लेने में सावधानी बरतने का सुझाव देता रहा है। डब्ल्यूएचओ के मुख्यालय पर संबोधित करते हुए संस्था के संक्रामक रोग महामारी और कोविड-19 टेक्निकल की प्रमुख भाटिया वैन केरखोव के मुताबिक यह आपसी संक्रमण और खांसी से ज्यादा फैलता है। इनसे दूर रहें तो संक्रमण से बचे रहेंगे। भाटिया ने बताया कि कोरोना से पीड़ित मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मरीजों की थूक, खांसी और कफ से बचने और एहतियात बरने की सलाह दी है। यह संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में तभी फैलता है जब कोरोना पीड़ित खांस रहा है या फिर कफ निकल रहा हो। उस समय उसके आसपास वायरस फैल जाता है। दरअसल एक दिन पहले ही एक रिपोर्ट में चीन के अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया था कि कोरोना का संक्रमण हवा के चलते भी हो सकता है। और यह हवा में आठ घंटे तक रह सकता है। ऐसे में हर जगह जाने से पहले मास्क पहनना जरूरी है। डब्ल्यूएचओ ने इसका खंडन करते हुए साफ किया है कि हवा से कोरोना संक्रमण फैलने का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया। यह सिर्प बीमार लोगों के खांसने और सम्पर्प में आने से होता है।

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