Thursday 5 March 2020

कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का केस

जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली सरकार ने गत शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को सभी आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक साजिश जैसी गंभीर धाराओं के तहत केस चलाने की अनुमति दे दी है। दिल्ली सरकार से इजाजत न मिलने की वजह से ही लंबे समय से इस केस में कोर्ट की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा पा रही थी। इसे लेकर भाजपा लगातार दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर सवाल भी उठा रही थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को ही मुकदमा चलाने की इजाजत देने वाली चिट्ठी पुलिस को मिली है। नियमों के तहत देशद्रोह की धाराओं के तहत केस चलाने के लिए राज्य सरकार से इजाजत लेनी जरूरी है। उसी के चलते एक साल से मामला लटका हुआ था। इस मामले में जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार, अनिर्वान भट्टाचार्य और उमर खालिद समेत 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए और 120-बी समेत दंगे व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। कन्हैया ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार को सिडीगन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने कन्हैया कुमार एवं अन्य कुछ लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए शनिवार को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजद्रोह कानून के बारे में दिल्ली सरकार की समझ गलत है। चिदम्बरम ने ट्वीट किया कि राजद्रोह कानून को लेकर दिल्ली सरकार की समझ केंद्र से कुछ कम गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए और 120-बी के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने को पुरजोर तरीके से खारिज करता हूं। वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने शनिवार को कहा कि वह अपने नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले में कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह की लड़ाई लड़ेंगे। भाकपा ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने राजनीतिक दबाव में घुटने टेक दिए हैं। दिल्ली सरकार द्वारा राजद्रोह के चार साल पुराने मामले में मंजूरी देना राजनीतिक दबाव का भी परिणाम है। उधर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार को लोगों के दबाव के कारण आखिरकार जेएनयू मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि तीन साल तक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल यह अनुमति टालते रहे लेकिन आखिरकार उन्हें जनता के आगे झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह, भारत की बर्बादी तक... जंग चलेगी। एक अफजल मारोगे तो हर घर से अफजल निकलेगा, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, जैसे दिए नारे देशद्रोही हैं। अब न्याय होगा।

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