Saturday, 28 March 2020

मैडम उन्हें छोड़ना मत ः निर्भया की आखिरी इच्छा

मैडम उन्हें छोड़ना मत, निर्भया की आखिरी इच्छा मेरे मन में पूरी तरह घर कर चुकी थी। यह कहना है छाया शर्मा का जो निर्भया कांड के समय डीसीपी साउथ थीं और इन्हीं के अंतर्गत क्षेत्र में यह घिनौना अमानवीय कांड हुआ था। अगर निर्भया के दोषियों को अंतत फांसी हुई तो इसमें छाया शर्मा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा। छाया शर्मा ने बताया कि एक महिला अधिकारी होने के नाते, मैं एक मां और बहन के रूप में निर्भया की पीड़ा को समझ सकती थी। घटना वाले दिन से ही मैंने और हमारी टीम ने दृढ़ निश्चय कर लिया था कि आरोपियों को किसी भी सूरत में कानून के शिकंजे से बचकर नहीं जाने देंगे। पुलिस की टीम वर्प और अदालत में साक्ष्यों को ठोस तरीके से रखने वाले वकीलों की मेहनत से ही इस केस में सफलता मिल सकी। यह कहना है साउथ डिस्ट्रिक्ट की तत्कालीन डीसीपी छाया शर्मा का। छाया शर्मा वर्तमान में डेप्यूटेशन पर नेशनल ह्यूमन राइट कमिशन में बतौर डीआईजी हैं। उन्होंने बताया कि निर्भया मामला अभी तक का ऐसा मामला है कि जिसमें आरोपियों ने अमानवीयता की सभी हदों को पार कर दिया था। वह कहती हैं कि पीसीआर कॉल मिलने के बाद वह 16 दिसम्बर की देर रात सीधे सफदरजंग अस्पताल पहुंची थीं। वहां पर डॉक्टर मौके पर पहुंचने वाले पुलिस कर्मियों से पीड़ित के हालात जाने और तभी पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपियों को पकड़ने का बीड़ा उठाते हुए उन्होंने पूरे जिले की टीम को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी। तत्कालीन डिफेंस कॉलोनी थाने की बेनिता मैरी जेकर को पीड़िता के परिवार के साथ लगाया था और वह यंग ऑफिसर थीं। छाया शर्मा ने  बताया कि निर्भया से उन्हें करीब चार से पांच बार मिलने का मौका मिला, लेकिन एक बार जब वह कुछ बोलने की हालत में थी तो उसने कहा थाöमैडम उन्हें छोड़ना मत। यह बात मेरे दिल और दिमाग में घर कर चुकी थी। आरोपियों से बचाव के लिए निर्भया ने किसी एक को अपने दांत से काट खाया था और कुछ को नाखून के निशान भी लगे थे जिसकी पुष्टि बाद में हो गई थी। टीम की कड़ी मेहनत के चलते वारदात में शामिल बस भी पकड़ी गई, सभी आरोपियों को भी पकड़ ]िलया गया और पूरे साक्ष्य भी जुटाए गए। इन सभी को क्रमवार जोड़ते हुए चार्जशीट दाखिल की गई और निचली अदालत और हाई कोर्ट में वकील राजीव मोहन, एटी अंसारी, माधव खुराना व दमन कृष्णन और सुप्रीम कोर्ट के सिद्धार्थ लूथरा और सुप्रिया जुनेजा ने पुलिस का पक्ष इतनी मजबूती से रखा कि आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ और निर्भया को इंसाफ मिला। हम छाया शर्मा और उनकी पूरी टीम को सलाम करते हैं। हमें ऐसे पुलिस अधिकारियों पर गर्व है।

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