Wednesday 18 March 2020

और अब पेट्रोल-डीजल पर सरकार की मार

कच्चे तेल (कूड) की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट के बाद देशवासियों को उम्मीद थी कि सरकार अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी कमी करेगी और जनता को थोड़ी राहत मिलेगी। पर ऐसा नहीं हुआ। उलटा केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में तीन-तीन रुपए प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का पूरा लाभ आम उपभोक्ताओं को देने की बजाय खुद सरकार ने अपनी आमदनी में 39,000 करोड़ सालाना की वृद्धि कर ली है। सरकार ने 2014-15 की तरह एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट का लाभ पूरी तरह उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाने का कदम उठाया है। हालांकि गनीमत यह है कि इस वृद्धि से पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी। पेट्रोलियम उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कर बदलाव का कोई असर नहीं होगा क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने इसे कच्चे तेल की कीमतों में हाल में आई गिरावट के साथ समायोजित कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड की जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क दो रुपए बढ़ाकर आठ रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। डीजल पर यह शुल्क दो रुपए बढ़कर अब चार रुपए लीटर हो गया है। सरकार ने नवम्बर, 2014 से जनवरी 2016 के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की है। इन 15 माह की अवधि में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपए और डीजल पर 13.47 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया है। इससे 2016-17 में सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 2014-15 के 99,000 करोड़ रुपए से दोगुना से अधिक होकर 2,42,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बैंचमार्प कच्चे तेल का दाम जनवरी के बाद से अब तक करीब आधा होकर 32 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ चुका है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट का लाभ लोगों को नहीं देने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने उत्पाद शुल्क बढ़ाने को सरकार की मनमानी करार देते हुए तत्काल पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस की कीमतें घटाने की भी मांग की है। साथ ही यह भी ऐलान किया है कि आम लोगों को फायदा होने के बजाय टैक्स बढ़ाकर खजाना भरने के मुद्दे पर संसद के मौजूदा स्तर में पार्टी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएगी। आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस वृद्धि के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। आरोप है कि सरकार आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है। बाइक और स्कूटर में डलने वाला पेट्रोल जहाज के ईंधन से महंगा हो गया है। पार्टी दफ्तार में मीडिया से बात करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर केंद्र सरकार ने लगभग 16 लाख करोड़ रुपए का खजाना तैयार कर लिया है। बीते छह साल में 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है। आज पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। मांग की कि देश में चरम पर पहुंची बेरोजगारी और कोरोना के खौफ के बीच केंद्र सरकार को तत्काल प्रभाव से पेट्रोल व डीजल की कीमतों को कम करना चाहिए। इससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। राघव ने कहा कि इस समय दिल्ली में पेट्रोल 69.87 रुपए व डीजल 62.50 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं एविएशन फ्यूल की कीमत 56.86 रुपए प्रति लीटर है। यही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 15 साल पहले वाली है।

-अनिल नरेन्द्र

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