Friday, 16 September 2016

इस तरह सोशल मीडिया ने लगाई कावेरी पानी में आग

कावेरी के पानी ने एक बार फिर आग लगा दी है। तमिल युवक के सोशल मीडिया में एक कमेंट से शुरू हुआ टकराव सोमवार को हिंसक हो गया। कर्नाटक में तमिल नम्बर की और तमिलनाडु में कर्नाटक नम्बर की 105 से ज्यादा गाड़ियां पूंक दी गईं। 50-55 दुकानों को लूट लिया गया। इस दौरान फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के घर पर लोगों ने पत्थर फेंके। अलग-अलग जगहों पर 200 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए। बेंगलुरु समेत कई शहरों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए। कावेरी जल विवाद को लेकर हुए आंदोलन के कारण लगभग 25000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। ताजा विवाद सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के विरोध में है, जिसके तहत तमिलनाडु को 12 हजार क्यूसेक पानी (पहले 15 हजार क्यूसेक देने का निर्देश था) 20 सितम्बर तक रोजाना देना है। इस पर कर्नाटक में लोगों ने सड़कों पर उतर कर तमिलभाषियों की जानमाल पर हमले किए। उसको देखते हुए 1991 की जातीय हिंसा की याद ताजा हो गई। दो-तीन दिनों में ही तमिलों की सैकड़ों करोड़ की परिसम्पत्ति नष्ट कर दी गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने तो अपने ताजा आदेश में 15000 क्यूसेक पानी की जगह 12000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा था इससे कर्नाटक के लोगों का गुस्सा शांत हो जाना चाहिए था। इसके बावजूद अगर बेंगलुरु में कन्नड़ समर्थकों ने गाड़ियों में आग लगाई और चेन्नई में कन्नड़ लोगों के होटलों पर हमले किए तो जाहिर है कि राजनीतिक दलों ने जनता के बीच जरूर गलतफहमी पैदा की है। यह विकट स्थिति तब पैदा हुई, जबकि कावेरी नदी के आसपास बसे दोनों राज्यों के बीच सघन-सजीव जातीय, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं। उनमें रोटी-बेटी के ताल्लुकात हैं। इस या उस पार जन्मे पढ़े-बढ़े लोग अपने कर्म क्षेत्र बताते रहे हैं। फिर भी पानी के मसले पर विवाद की आग जब-तब लहक कर उस रिश्ते को झुलसा देती है। यह विवाद 124 साल से चला आ रहा है। सोमवार को बेंगलुरु में हुई आगजनी और हिंसा की शुरुआत एक फेसबुक पोस्ट से हुई। 23 साल के एक शख्स ने फेसबुक पर कन्नड़ और तमिल अभिनेताओं की तुलना करते हुए एक पोस्ट की। युवक ने उन कन्नड़ अभिनेताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की जिन्होंने शुक्रवार को कर्नाटक बंद का आह्वान व समर्थन किया था। दक्षिण बेंगलुरु के गिरिनगर के कुछ युवकों ने आखिरकार उस युवक की पहचान श्रीराम पुरा के जे. संतोष के रूप में की और उसकी पिटाई की और उससे माफी मंगवाई। युवकों ने रविवार को संतोष का माफी मांगते हुए वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। इस वीडियो से तमिलनाडु में गुस्सा भड़क गया। तो एक तरह से सोशल मीडिया ने कावेरी के पानी पर आग लगवा दी। प्रधानमंत्री की पीड़ा और नसीहत जायज है, हिंसा किसी भी समस्या का न तो समाधान है और न ही विकल्प।

-अनिल नरेन्द्र

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