26
अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय की पैरोल
16 सितम्बर तक बढ़ा दी थी। राय ने कोर्ट से कहा था कि वो 300
करोड़ रुपए और जमा कर देंगे। सहाराश्री अब तक जमानत की शर्त के लिए
5000 करोड़ रुपए जमा कर चुके हैं और अब भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। जबकि
इतनी ही रकम बतौर बैंक गारंटी जमा करानी है। इससे पहले छह मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत
राय को उनकी मां का अंतिम संस्कार करने के लिए चार सप्ताह के पैरोल पर जेल से रिहा
करने के आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर अब सेबी सहारा की कुछ प्रॉपर्टी की नीलामी
भी कर रहा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुब्रत राय के वकील कपिल सिब्बल ने दावा
किया कि कंपनी ने निवेशकों के 25 हजार करोड़ रुपए लौटा दिए हैं।
वो भी कैश में। इस पर अदालत ने हैरानी जताते हुए पूछा कि 25 हजार
करोड़ रुपए आए कहां से? इसे हजम कर पाना मुश्किल हो रहा है। यह
काफी बड़ी रकम है। पैसे स्वर्ग से तो बरसे नहीं होंगे? कोर्ट
ने सहाराश्री से कहाöआप इतना पैसा जहां से भी लाए हो उसका सोर्स
हमें बताइए। क्या आपको अन्य कंपनियों से यह रकम उधार में मिली है? या बैंक खातों से यह राशि निकाली? या फिर सम्पत्ति बेचकर
जुटाई? इन तीन विकल्पों के अलावा तो कोई रास्ता नहीं होगा इतनी
बड़ी रकम जुटाने का। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच कर रही थी। सहारा
की ओर से कपिल सिब्बल पैरवी कर रहे थे। कोर्ट ने सिब्बल से कहाöहालांकि हम आपके क्लाइंट पर कतई शक नहीं जता रहे हैं कि उन्होंने निवेशकों
को हजारों करोड़ रुपए कैसे दे दिए। वो भी कैश में और महज दो महीने में। लेकिन इस पूरे
एपिसोड पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। इस पर सिब्बल ने दलील दीöसहारा ग्रुप ने अपने सभी इंवेस्टर्स के वे पैसे कैश में अदा कर दिए हैं,
जिसे सेबी ने उन पर मुकदमा कर रखा है। यदि कोर्ट को ब्लैकमनी की आशंका
है तो सहारा ग्रुप किसी भी जांच के लिए तैयार है। लेकिन अगर यह ब्लैकमनी का मामला है
तो सेबी कैसे जांच कर सकती है? इस पर अदालत ने कहाöयह आपका दावा है पर सेबी का बहुत आसान-सा सवाल है कि
आप इतनी बड़ी रकम कहां से लाए? आप मुझे यह बता दीजिए कि आप
25 हजार करोड़ रुपए कैश में कैसे ले आए? आपका केस
बंद कर दिया जाएगा। पैसे का सोर्स बताना बिजनेस हाउस की जिम्मेदारी है। चाहे वैध हो
या अवैध। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 सितम्बर की तारीख तय
की। सहारा प्रमुख फिलहाल पैरोल पर हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आप प्रमाण देते हैं
कि सभी निवेशकों के पैसे वापस कर दिए गए हैं तो हम मिनटों में मामले को रफा-दफा कर देंगे। बुरे फंसे सहाराश्री। इधर कुआं और उधर खाई।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment