Saturday 3 September 2016

जॉन कैरी की टिप्पणी हमारी व्यवस्था पर करारा तमाचा है

भारी बारिश के कारण सड़कों पर हुए जलभराव के कारण दिल्ली के आम आदमी से लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी तक बुधवार को जाम के शिकार हो गए। जाम से जूझने के बाद आईआईटी दिल्ली पहुंचे कैरी ने चुटीले अंदाज में वहां पहुंचे छात्रों से कहाöमुझे नहीं पता कि आप यहां नौका से आए हैं या जल और जमीन दोनों पर चलने वाले किसी वाहन से लेकिन मैं आपको सलाम करता हूं। कैरी ने कहाöआज यहां तक पहुंचने के लिए आप सभी को पुरस्कार दिया जाना चाहिए। उनकी बातों का सन्दर्भ देखा जाए तो यह हमारी सरकार, प्रशासन व संबंधित महकमों पर एक सख्त टिप्पणी है, जो यहां की समूची व्यवस्था को आइना दिखाती है। दरअसल जॉन कैरी जब दिल्ली के आईआईटी के विद्यार्थियों को संबोधित करने निकले तो उन्हें कई घंटों तक सड़क पर जाम की वजह से फंसे रहना पड़ा, क्योंकि भारी बरसात की वजह से सड़कों पर चारों तरफ पानी भरा था और वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई थीं। बारिश और जलभराव के बावजूद कैरी ने अपना कार्यक्रम रद्द नहीं किया और जाम का सामना करते हुए देरी से ही सही, आईआईटी पहुंच गए। वहां उन्हें हैरान करने वाली बात यह थी कि जिस जाम ने उन्हें घंटों सड़क पर फंसाए रखा, वहां भारी संख्या में छात्र उन्हें सुनने कैसे पहुंचे? हर साल बरसात में दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों की क्या हालत रहती है, यह किसी से छिपा नहीं है। घंटे या आधे घंटे की बरसात के बाद सड़कों पर पानी भर जाता है और भारी जाम में लोग घंटों फंसे रहते हैं। इससे न सिर्प उत्पादन के मोर्चे पर बहुत सारी श्रम शक्ति बर्बाद होती है, बल्कि कितने ही लोगों को अनेक तरह के नुकसान उठाने पड़ते हैं। दफ्तरों में या काम करने की जगहों पर देर से पहुंचने के चलते कुछ कंपनियों की ओर से लोगों की छुट्टियां या मजदूरी तक काट ली जाती है। बीमार लोग जान जाने तक का जोखिम उठाकर सड़कों पर निकलने पर मजबूर हो जाते हैं और यह सिलसिला साल-दर-साल होता है। राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य मार्गों पर जलभराव और ज्यादातर मार्गों पर यातायात की सुस्त रफ्तार पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहाöहम साल-दर-साल जलभराव बर्दाश्त नहीं कर सकते। बंद नालों का समर्थन नहीं किया जा सकता, हम हर साल इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार के साथ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अहमद ने कहाöबुधवार सुबह जब वे अदालत आ रहे थे, उपराष्ट्रपति के आवास के सामने वाली सड़क पर भी पानी भरा था। पीठ ने कहा कि नालियों में पानी का निकास नहीं होने के कारण बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव मच्छरों के पैदा होने की वजह से डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। पता नहीं कि इस समस्या का स्थायी उपाय कभी होगा या नहीं?

-अनिल नरेन्द्र

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