Sunday, 4 September 2016

संघ के इतिहास में पहली बगावत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उर्प आरएसएस के इतिहास में यह शायद पहली बार है जब इस संगठन में कार्यकर्ताओं की बगावत हुई है। इससे विश्व के इस सबसे बड़े संगठन में हलचल मचना स्वाभाविक ही है। मैं गोवा में संघ में हुई बगावत की बात कर रहा हूं। गोवा में राज्य प्रमुख सुभाष वेलिंगर की बर्खास्ती के विरोध में 600 स्वयंसेवकों ने इस्तीफा दे दिया है। अब आरएसएस गोवा के नाम से ये लोग अगले साल चुनाव तक संघ के समानांतर गतिविधियां चलाएंगे। संघ में इस बगावत के बाद फिलहाल दो गुट बन गए हैं। गोवा में संघ परिवार के भीतर मचे घमासान में संघ की अंदरूनी वर्गिंक और बाहरी दोनों सवाल छिपे हैं और इन सवालों का संघ और भाजपा के अहम के टकराव के साथ व्यापक सामाजिक विमर्श से भी नाता है। 68 वर्षीय सुभाष वेलिंगर को राज्य के संघ प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद जिस तरह संघ के 600 कार्यकर्ताओं ने संगठन छोड़कर अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हटाने की घोषणा की है उससे जहां नरेंद्र मोदी और संघ पदाधिकारी संजय जोशी के विवाद की याद ताजा हो गई है। वहीं कथित तौर पर सांस्कृतिक संगठन के राजनीतिक दुस्साहस के खतरे भी उजागर हो रहे हैं। यह नया संगठन न सिर्प राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बल्कि उसकी राजनीतिक इकाई भाजपा को भी चुनौती दे सकता है। गोवा संघ में वेलिंगर को पद से हटाए जाने के बाद घटनाक्रम तेजी से बदले हैं। पहले संघ के पदाधिकारियों ने राज्य आरएसएस प्रमुख सुभाष वेलिंगर की बर्खास्तगी के विरोध में इस्तीफा दिया और उसके बाद नए संगठन की घोषणा भी कर दी। संघ का कहना है कि वेलिंगर राजनीति कर रहे हैं और वह इसकी इजाजत नहीं देगा। दूसरी ओर वेलिंगर का कहना है कि उन्होंने अपने 54 साल के संघ कार्यकर्ता के जीवन में कई नेता तैयार किए हैं और वे नई पार्टी बनाकर फिर नए नेता तैयार कर लेंगे। वेलिंगर खुलेआम रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर पर धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं और उन दिनों की याद दिला रहे हैं जब उन्होंने उनकी अंगुली पकड़ कर राजनीति सिखाई थी। गोवा इकाई के बगावती तेवर बताते हैं कि संघ के उन कार्यकर्ताओं में असंतोष घुमड़ रहा है, जिन्हें सारा जीवन सांस्कृतिक कार्य और त्याग करने की शपथ दिलाई जाती है और चुनाव आने पर प्रचार में झोंक दिया जाता है। वेलिंगर ने गुरुवार को बताया कि हमने नागपुर स्थित संघ मुख्यालय से नाता तोड़ लिया है। लेकिन सब लोग पहले वाली भूमिकाएं ही निभाते रहेंगे। हमारे पास पूरा तंत्र है, शाखाएं भी पहले की तरह लगेंगी। संघ की गोवा इकाई संगठन के लिए खतरनाक हो सकती है और अगर जल्द इसको नियंत्रण में नहीं किया गया तो यह आग फैल सकती है।

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